देहरादून। एक पखवारे से अधिक समय से देहरादून में स्थापित राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान में छात्र-छात्राओं के आन्दोलन के पश्चात् संस्थान प्रबन्धन ने सकारात्मक पहल करते हुए संस्थान की गरिमा बनाये रखने हेतु प्रेसवार्ता के माध्यम से अभिभावकों व मीडिया जनों से सहयोग की अपील की।
कार्यवाहक निदेशक के0वी0एस0 राव ने संस्थान परिसर में मीडिया जनों से मुखातिब होते हुए बताया कि छात्र-छात्राओं की सभी मांगों पर संस्थान द्वारा प्रभावी कार्यवाही कर आवश्यक कदम उठाये गये हैं। निदेशक महोदय ने बताया कि भारत ने दिव्यांगजन के सम्बन्ध में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के सम्मान में वर्ष 2016 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम पारित किया है।
-आन्दोलन का ढीकरा मीडिया पर फोड़ते दिखे निदेशक
कार्यवाहक निदेशक के0वी0एस0 राव प्रेसवार्ता के दौरान एक ओर मीडिया से सहयोग की अपील करते दिखाई दिये वहीं दूसरी ओर संस्थान में उग्र आन्दोलन के लिये मीडिया को ही जिम्मेदार बताते रहे। संस्थान की चिकित्सा अधिकारी डा0 गीतिका माथुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कई स्थानों पर उल्लेखित की गई कार्यवाही से स्वतः स्पष्ट है कि छात्र-छात्राओं का आन्दोलन तर्कसंगत व न्यायोचित था। छात्राओं से छेड़छाड़ जैसे यौन अपराधों के लिये आरोपी शिक्षक सुचित नारंग को निलम्बित किया जाना, परामर्शदाता के अनुचित व्यवहार के आरोप में सेवायें समाप्त किये जाने के अलावा संस्थान की तत्कालीन निदेशिका का स्थानांतरण किया जाना सिद्ध करता है कि संस्थान की अनेक गतिविधियां आरोपों के दायरे में थी तभी यह कार्यवाही की गई है। अतः बेहतर होता निदेशक महोदय संस्थान की गरिमा की खातिर मीडिया को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश न करते।
-छात्र-छात्राओं की मांगों को संजीदगी से लेने से बेहतर होगा शैक्षिक वातावरण
संस्थान प्रबन्धन द्वारा छात्र-छात्राओं की सभी तीस मांगों को बेहद संजीदगी से लिया गया है। अनेक मांगों को पूरा किया जा चुका है तो कईं के संदर्भ में तिथि निश्चित कर दी गई है। प्रबन्धक के इस प्रयास से निसंदेह संस्थान का शैक्षिक वातावरण बेहतर होगा। प्रेसवार्ता के दौरान प्रोटोकाल अधिकारी योगेश अग्रवाल का मीडिया जनों के साथ बेहद सम्मानजनक बर्ताव दिखाई दिया।