देहरादून- उत्तराखण्ड की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने गुरूवार को राजभवन, नैनीताल में क्षेत्र के विभिन्न सरकारी व गैरसरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने सभी शिक्षण संस्थानों द्वारा नाबालिग बच्चों के साथ दुष्कर्म और बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं, और यह हम सब का कर्तव्य है कि हम इन बच्चों की अच्छे से देखभाल करें।
राज्यपाल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लगातार शिक्षण संस्थानों का निरीक्षण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी स्कूलों व शिक्षण संस्थानों को सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप कड़ाई से पालन करते हुए सभीे व्यवस्थाएं करने की बात कही। बसों व क्लासरूम में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी कारण से डिपे्रशन में चले गए बच्चों के लिए मनोचिकित्सक की व्यवस्था भी की जा सकती है।
राज्यपाल ने कहा कि बच्चों को नशे से बचाने के लिए परिवार के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों की भी जिम्मेदारी है। शिक्षण संस्थानों में स्वतंत्र माहौल होना आवश्यक है ताकि बच्चे अपनी समस्याओं को अपने शिक्षकों को बता सकें। इसके लिए विद्यालय प्रशासन द्वारा व्यवस्थाएं की जानी चाहिए। बच्चों को जागरूक किया जाना आवश्यक है। उन्हें सही गलत का ज्ञान करवाना आवश्यक है। उन्होंने शिक्षण संस्थानों को प्रेरक कक्षाओं के आयोजन के साथ-साथ संस्कारों की शिक्षा देने पर ध्यान देने को कहा।
इससे पूर्व राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में नैनीताल के विभिन्न विद्यालयों से आए छात्र-छात्राओं से बातचीत की। राज्यपाल ने बच्चों से उनके अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि बच्चों को हमेशा बड़े सपने देखने चाहिए। महान लोगों को जीवनी को पढ़कर उनके आदर्शों पर चलकर हम लोग अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। उन्होंने बच्चों से अनुरोध किया कि वे नशे से दूर रहें और सही गलत का फर्क समझें। आज की युवा पीढ़ी ने ही भविष्य में भारत को आगे बढ़ाना है। इसके लिए कड़ी मेहनत ही एक रास्ता है। और कोई नहीं।
इस अवसर पर सचिव राज्यपाल श्री आर.के. सुधांशु भी उपस्थित थे।
