देहरादून- तेजतर्रार आईएएस अधिकारी पंकज पान्डेय पर एन एच 74 मुआवजा घोटाले में गिरफ्तारी की तलवार लटक गई। मामले की जांच कर रही एसआईटी उन्हें कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।दरअसल एन एच 74 पर भूमि अधिग्रहण के मामले में भू उपयोग परिवर्तित कर भारी घोटाला किया गया था।मामले के प्रकाश में आने के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने एसआईटी गठित की थी।जिसमें पूछताछ के बाद पंकज पान्डेय को गिरफ्तारी का डर सताने लगा।जिससे बचने के लिए उन्होंने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।उच्च न्यायालय के आदेश पर विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट ने विस्तृत सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी।याचिका खारिज के बाद एसआईटी कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की इस बात के लिए प्रशंसा करनी होगी कि उन्होंने करप्शन के खिलाफ जीरा टालरेंस के दावे पर अमल करके दिखा दिया। महानिदेशक सूचना के पद पर भी पंकज पान्डेय के कई फैसलो पर भ्रष्टाचार की चर्चाएं रह चुकी हैं।सूचना मे तैनाती के दौरान पत्रकारों से दुर्व्यवहार की भी अनेक घटनाएं सामने आईं थी।