देहरादून- उत्तराखंड मे पत्रकारों पर हमलों की घटनाएं निरन्तर बढती जा रही हैं। जिसका प्रमुख कारण इस सम्बंध में पुलिस द्वारा दिखाई जा रही उदासीनता है।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त पत्रकार दीपक धीमान बीती रात्रि लगभभ 10-30 बजे गांधी पार्क के पास से गुजर रहे थे।.वहां पर कुछ लोग आपस मे झगड़ा कर रहे थे। जब दीपक धीमान ने वहां रुक कर एक पत्रकार के नाते मामले की जानकारी लेनी चाही,तो झगड़ा कर रहे असामाजिक तत्वों ने उन्हीं पर हमला कर दिया। हमलावरों मे किसी ने उन पर धारदार हथियार से हमला भी कर दिया, जिसमें संयोगवश वह बाल बाल बच गए।लेकिन असामाजिक तत्वों के हमले में उनके कपड़ें फट गए।
देहरादून के गांधी पार्क जैसे मुख्य क्षेत्र मे असामाजिक तत्वों का जमावड़ा आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है। परन्तु पुलिस का पूरा ध्यान सड़कों पर वाहनों के चालान काटने पर बना रहता है। कानून व्यवस्था के प्रति पूरी उदासीनता का माहौल बना हुआ है।
लघु समाचारपत्र ऐसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेन्द्र अग्रवाल ने पत्रकार दीपक धीमान पर हुए हमले की निन्दा करते हुए कहा कि उत्तराखंड में पुलिस के उदासीन रवैये के कारण पत्रकारों पर हमले की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। किसी भी राज्य में मीडिया कर्मी स्वतंत्र होकर रिपोर्टिंग भी न कर सकें,यह पुलिस के निकम्मेपन को दर्शाता है। इस सम्बंध में शीघ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिलकर हमलावरों पर कठोर कार्यवाही की मांग की जाएगी। ज्ञातव्य है कि कुछ दिनो पूर्व एक अन्य मान्यता प्राप्त पत्रकार बिजेन्द्र कुमार यादव पर भी रिपोर्टिंग के दौरान पुलिस की मौजूदगी में ही प्राणघातक हमला कर गहरी चोट पहुचाई गई थी और नेहरू कालोनी पूलिस ने हल्की धाराएं लगाकर मुख्य अभियुक्त को थाने से ही जमानत पर रिहा कर दिया था।