दून संस्कृति एवं हर्बल फाउंडेशन की सराहनीय पहल,मदर्स डे पर शुरू की बीमार व घायल की गायों की देखभाल करने की नई मुहिम

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देहरादून -भारत वर्ष में गाय को माँ कहा जाता है और उसको माता का दर्जा भी दिया गया है। दूंन संस्कृति एवम हर्षल फाउंडेशन ने निश्चय किया कि क्यों ना इस मदर्स डे पर गायो की देखभाल की एक शुरुवात की जाए। इसी सोच के अंतर्गत मदर्स डे की पूर्व संध्या पर इन संस्थाओं के सदस्यों ने रतनपुर स्थित गौशाला मैं एक कार्यक्रम किया।
इस गोशाला मे ज्यादातर बीमार व घायल गायो को रखकर उनकी चिकित्सा आदि की जाती है। इस मुहिम के अंतर्गत पंखे लगा रहे है। गायो की मरहम पट्टी के लिए आवश्यक दवाइयां, कॉटन ओर पट्टीयां प्रचुर मात्रा में दे रहे है। साथ ही गायो के लिए हरे ओर सूखे चारे की व्यवस्था भी प्रचुर मात्रा में कर रहे है। 5000/- चारे के लिए दिए।
गायो की माँ के रूप मे सेवा का यह एक सराहनीय प्रयास शुरू किया गया है। इस नई मुहिम को शुरू करने मे अनीता गुप्ता, अंजना, आशा, गुलशन सरीन, कल्पना, कमला, मिथलेश सती,रमा गोयल,अनिता अग्रवाल, मंजरी,एकता, रश्मि अग्रवाल, कंचन,संतोष,सरिता, उषा नागलिया,विजय शर्मा, मनीषा, स्वीटी कलेर,आदि सदस्यों ने सहयोग किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष रमा गोयल, विजय शर्मा, अनिता अग्रवाल, अनिता गुप्ता, मंजरी सक्सेना, अंजना, रश्मि, उषा नागलिया,स्वीटी कलेर, शालिनी तोमर, सरिता,एकता सब्बरवाल आदि सदस्य उपस्थित थे।
आशु जी एवम मिली इस गोशाला को चला रहे हैं।

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