देहरादून शहर में जाम की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। कई बार तो 100 मीटर की दूरी नापने में इतना समय लग जाता है कि उतने में आप दो किलोमीटर का सफर कर लें। इन झंझावतों के बीच जल्द से जल्द मंजिल तक पहुंचने की होड़ में हम कई बार एंबुलेंस को भी रास्ता नहीं देते, जबकि संशोधित मोटर वाहन एक्ट में एंबुलेंस को रास्ता न देने पर 10 हजार रुपये जुर्माना डालने का प्रावधान है। कानून से इतर यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है कि जिंदगी के लिए जूझ रहे मरीज को पहले जाने दिया जाए। हो सकता है कि इससे हमें अपने गंतव्य तक पहुंचने में कुछ देर हो जाए, लेकिन किसी का जीवन इस देरी से ज्यादा कीमती है। कई बार एंबुलेंस में मौजूद मरीज अस्पताल पहुंचने में चंद मिनट की देरी के कारण दम तोड़ देता है। इसलिए पहले एंबुलेंस को रास्ता दें, फिर आप निकलें।