मध्यप्रदेश के इंदौर में चार मार्च से 24 मार्च के बीच यानी 20 दिनों में 900 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार की एक टीम अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इंदौर जिला प्रशासन से कहां गलती हुई जिसकी वजह से यहां कोविड-19 के मामले इतने बढ़ गए। जिले की स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक हफ्ते पहले गई केंद्रीय टीम ने कहा कि यहां मामले इसलिए बढ़े क्योंकि लोगों ने लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया और प्रशासन समुदाय के साथ प्रभावी तरीके से जुड़ने में विफल रहा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यहां लॉकडाउन के प्रावधानों का ठीक तरह से पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा, ‘इंदौर के लोगों ने शुरू में कभी नहीं सोचा था कि उन्हें बीमारी हो सकती है क्योंकि वे अपने स्वच्छ शहर टैग को लेकर आत्मसंतुष्ट हैं। इसलिए शुरू से ही इसके प्रति दृष्टिकोण काफी ढीला-ढाला था। लॉकडाउन के नियमों का प्रभावी तरीके से पालन नहीं हुआ और चूंकि वायरस पहले ही शहर में आ चुका था इसने लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया। बता दें कि केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर भारत के सबसे स्वच्छ शहरों में पहले स्थान पर है।