देश में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए तेजी से कोविड टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। देश में फिलहाल, अधिकतर लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन दी जा रही है, लेकिन इससे जुड़ी एक खबर ने विदेश जाने की तैयारी करने वाले यात्रियों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, कोविशील्ड को अभी कई देशों ने अपने यहां मान्यता नहीं दी है। वहीं कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले यात्रियों को यूरोपीय संघ के देश अपने यहां आने की इजाजत नहीं देंगे।
यूरोपीय संघ के कई सदस्य देशों ने डिजिटल वैक्सीन पासपोर्ट जारी करना शुरू कर दिया है, जो यूरोपीय लोगों को काम या पर्यटन के लिए स्वतंत्र रूप से आने-जाने की अनुमति देगा। वैक्सीन पासपोर्ट इस बात के प्रमाण के रूप में काम करेगा कि किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस से प्रतिरक्षा देने वाला टीका लग गया है। यूरोपीय संघ ने पहले कहा था कि सदस्य देशों को कोविड-19 वैक्सीन के प्रकार की परवाह किए बिना प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए, लेकिन ‘ग्रीन पास’ की तकनीकी विशिष्टताओं से संकेत मिल रहे हैं कि यह ईयू-व्यापी विपणन प्राधिकरण से प्राप्त करने वाले कोविड टीकों तक ही सीमित होगा।