देश की कुछ नामी पैथौलॉजी और अस्पतालों की लैब के नाम पर तमाम लोग कोरोना जांच की फर्जी आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट बना रहे हैं। ऐसे लोगों ने उनके मिलते जुलते नाम पर लैब के कलेक्शन सेंटर बनाए हुए हैं। जहां से बाकायदा सैंपल लेकर दो से ढाई हजार रुपये लेकर फर्जी निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट थमाई जा रही है।
देहरादून जिले की सीमा पर फर्जी रिपोर्ट के साथ पकड़े गए विभिन्न लोगों से पूछताछ के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने इसकी प्रबल संभावना जताई है। कुछ यात्रियों के पास मिली रिपोर्ट में दर्ज दूरभाष नंबर पर कॉल कर स्वास्थ्य विभाग ने उनके पैसे लौटाने को भी कहा है। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कानून कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। आशारोड़ी चेक पोस्ट पर रोजाना बड़ी संख्या में ऐसे लोग पकड़ में आ रहे हैं, जो कोराना की फर्जी निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट लेकर देहरादून आ रहे हैं। इनमें ज्यादातर लोग मसूरी घूमने के लिए आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम जहां जिले की सीमा में प्रवेश करने से पहले उनकी एंटीजन कोरोना जांच करा रही है, वहीं फर्जी रिपोर्ट में भी उनसे छानबीन की जा रही है।
पता लगा है कि ज्यादातर ट्रेवल एजेंसियां पैथालॉजी सेंटरों से पैसा लेकर सभी यात्रियों की फर्जी निगेटिवआरटीपीसीआर रिपोर्ट तैयार कर उन्हें देती हैं। यात्रियों का कहना है कि उन्हें यह पता ही नहीं होता है कि उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट फर्जी है या असली। कई यात्रियों के तो बाकायदा कोरोना जांच के नाम पर सैंपल भी लिए जाते हैं। कोरोना सैंपलिंग एवं रिपोर्ट की जांच के जिला नोडल अधिकारी डॉ. ए. क्यू. अंसारी ने बताया कि फर्जी लैब और गलत निगेटिव रिपोर्ट तैयार करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए संबंधित जिलों के प्रशासन से भी संपर्क किया जा रहा है।