अगस्त का महीना बहुत ही रोचक खगोलीय घटनाओं से भरा रहा। अब इस कड़ी में आज (रविवार) की रात है ओरिजिनल ब्लू मून की रात। शाम 6:53 पर सूर्यास्त होते ही 7:11 पर आकाश में चंद्रमा का राज हो जाएगा लेकिन आज का चांद साधारण न होकर ओरिजिनल ब्लू मून होगा जो अब 2-3 साल बाद ही नजर आएगा। दरअसल, तीन-तीन माह के वर्ष के चार सीजन अर्थात सोलस्टिस (संक्रांति) से इक्विनॉक्स (विषुव) की प्रत्येक अवधि तीन माह की होती है। इस अवधि में तीन पूर्णिमा पड़ती हैं लेकिन कभी कभार आम तौर पर ढाई से तीन वर्ष में एक बार इन तीन महीनों में चार पूर्णिमा भी पड़ जाती हैं।
जब कभी ऐसा होता है तो इनमें से तीसरी वाली पूर्णिमा ब्लू मून कहलाती है। इस हिसाब से वर्तमान सीजन की कुल चार में से तीसरी पूर्णिमा यानि ब्लू मून आज 22 अगस्त की रात को है। जब से ब्लू मून की परिकल्पना ने जोर पकड़ा ब्लू मून की यही मान्यता प्रचलित रही। 1940 के दौरान इसमें एक और मान्यता प्रचलित हो गई, जिसके अनुसार एक कैलेंडर माह में यदि दो पूर्णिमा पड़ें तो दूसरी पूर्णिमा ब्लू मून कही जाने लगी। तथ्य यह है कि ओरिजिनल ब्लू मून एक सीजन में चार पूर्णिमा होने पर तीसरी वाली ही होती है।
आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान एरीज के वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार अब ये दोनों ही मान्यताएं प्रचलन में हैं। एक कैलेंडर माह में दो पूर्णिमा के आधार पर इससे पहले ब्लू मून 31 अक्तूबर 2020 को दिखा था। अगला 31 अगस्त 2023 को पड़ेगा।