हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी भू-कानून लागू करने समेत जनहित के तमाम मुद्दों को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने विधानसभा कूच किया। रिस्पना पुल के समीप पहले से तैनात पुलिस बल से बैरिकेडिंग लगा कार्यकर्ताओं को रोका तो दोनों के बीच जमकर झड़प हुई। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर ही बैठकर प्रदर्शन किया और एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता बारिश के बीच प्रिंस चौक, रेसकोर्स चौक, आराघर, धर्मपुर से नारेबाजी करते हुए विधानसभा की ओर बढ़े।
ऐरी ने कहा कि संघर्ष और शहादत की बदौलत पृथक राज्य का निर्माण हुआ, लेकिन बीते 21 साल में प्रदेश को भूमाफिया के हवाले कर दिया गया। राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की खुली लूट की गई। बेरोजगारों के साथ छलावा किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि राज्य की अवधारणा को बचाने के लिए सख्त भू-कानून लागू किया जाए। वर्ष 1950 को आधार मान मूलनिवास की परिभाषा निर्धारित की जाए। राज्य आंदोलनकारियों के लिए दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की सुविधा बहाली सहित विभिन्न मांगें उठाईं।