सैंपल जांच की रफ्तार हुई कम, सात दिनों में 62 फीसदी की आई कमी 

उत्तराखण्ड

राज्य में कोरोना संक्रमण की रफ्तार घटने के साथ सैंपलों की जांच का ग्राफ गिर रहा है। बीते सात दिनों में सैंपल जांच में 62 प्रतिशत की कमी आई है। जबकि सितंबर माह में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से कोविड टेस्टिंग पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, प्रदेश सरकार ने भी संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रतिदिन 40 हजार सैंपल जांच कराने का लक्ष्य रखा है।

प्रदेश में भले ही कोरोना संक्रमित मामलों में स्थिरता आई है लेकिन कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। विशेषज्ञों ने सितंबर तक कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई है। इसके लिए सरकार ने संक्रमण से बचाव के लिए तैयारियां भी कर ली है। वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 10 से 15 हजार सैंपलों की जांच की जा रही है। जबकि सरकार ने 40 हजार सैंपल जांच करने का लक्ष्य रखा था। बीते सात दिनों में 106756 सैंपलों की जांच की गई। जो लक्ष्य से 62 प्रतिशत कम है।

सोशल डेवलपमेंट फार कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि पांच सप्ताह से प्रदेश में कोविड जांच लगातार घट रही है। कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम व बचाव के लिए सैंपल जांच में कमी उचित नहीं है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग को सैंपल टेस्टिंग बढ़ाने की आवश्यकता है।

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