गुरुग्राम में एक अस्पताल बनाने के लिए यस बैंक से लिए गए तीन सौ करोड़ रुपये के ऋण में हेराफेरी करने के आरोप में पुलिस ने एक कंपनी के दो निदेशकों और गबन के लिए बनाई गई एक फर्जी कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों निदेशक मेसर्स नयति हेल्थकेयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के हैं जबकि फर्जी कंपनी का नाम अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन है।
शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आर के सिंह ने बताया कि गिरफ्तार निदेशकों की पहचान इंदिरापुरम, गाजियाबाद निवासी यतीश वहाल और अलकनंदा दिल्ली निवासी सतीश नरूला के रूप में हुई है, जबकि फर्जी कंपनी के मालिक की पहचान सेक्टर 12 गुरुग्राम निवासी राहुल सिंह यादव है। वर्ष 2020 में नयति हेल्थकेयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड (एनएचआरसी) के उपाध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक राजीव कुमार शर्मा ने शाखा में मेसर्स नयति हेल्थकेयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशकों यतीश वहाल, सतीश कुमार नरूला और अन्य के खिलाफ शिकायत दी।
उसने बताया कि वह कंपनी के 6.3 फीसदी शेयर धारक है। कंपनी को पहले ओएसएल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। कंपनी को गुरुग्राम में एक अस्पताल बनाने और चलाने के लिए के लिए अधिकृत किया गया था।
शिकायतकर्ता के पास 49 फीसदी शेयर थे जबकि शेष 51 फीसदी अन्य दो निदेशकों के पास थी। अस्पताल के इन पैसेंट डिपोर्टमेंट, आउट पैसेंट डिपोर्टमेंट, इमरजैंसी और डायग्नोस्टिक के संचालन के लिए विमहांस और ओम शक्ति हाइड्रोलिक्स प्राइवेट लिमिटेड(ओएसएलएचपीएल) में समझौता हुआ था। शिकायतकर्ता को उसकी सेवाओं के लिए 30 लाख रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया था। गुडग़ांव अस्पताल के पूरा होने के दौरान ओएसएल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड को कुछ वित्तीय समस्या हुई। अधिकांश शेयरधारक व निदेशकों ने अपने शेयर (51फीसदी) मेसर्स नारायणी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स की होल्डिंग कंपनी को बेच दिए। उसके बाद उन्होंने सभी प्रमुख निर्णय लिए। आरोप है कि कंपनी ने गुडग़ांव अस्पताल के विकास के लिए यस बैंक से 312 करोड़ रुपये का ऋण लिया। लेकिन इस पैसे का कथित व्यक्तियों ने दुरुपयोग किया। शिकायतकर्ता को उसकी 15.28 करोड़ रुपये की फीस का भुगतान नहीं किया गया और उसकी हिस्सेदारी को 49 से घटाकर 6.3 फीसदी कर दिया गया।