अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के मुताबिक कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी जरूर आई है, लेकिन संक्रमण अभी पूरी तरह से समाप्त हुआ है। आने वाले दिनों में कड़ाके की ठंड और खतरनाक स्तर तक बढ़े प्रदूषण के चलते कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ेगा। ऐसे में मास्क पहनने और हाथ धोने की आदत को दिनचर्या में शामिल करना ही बचाव का एकमात्र उपाय है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि इस साल उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। तापमान तीन डिग्री के न्यूनतम स्तर तक गिरने की संभावना है। दीपावली के दौरान पटाखों के कारण हवा में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। एम्स ऋषिकेश के सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि ठंड और प्रदूषण का असर श्वसन तंत्र पर पड़ता है। कोरोना का वायरस भी सीधा फेफड़ों पर हमला बोलता है। दीपावली के बाद उत्तराखंड समेत देश के कई राज्यों में प्रदूषण बड़े पैमाने पर बढ़ा है।