उत्तराखंड: लालकुआं में आमने-सामने की जंग में कठिन बनी डगर

उत्तराखण्ड

कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लालकुआं से मैदान में उतरने से यह सीट राजनीतिक फलक पर चर्चा में है। सभी की निगाहें इस सीट पर लगी हुई हैं। यहां रोचक मुकाबले के आसार बन रहे हैं।

हालांकि दोनों ही दल एक-एक बागी की बगावत से जूझ रहे हैं लेकिन चुनावी समर में दो लड़ाकों में सीधी जंग दिख रही है। भाबर में चोरगलिया से लेकर बिंदुखत्ता तक फैली इस सीट की भौगोलिक संरचना भले ही जटिल न हो है मगर इस चुनाव में यहां का सियासी गणित दो दलों में उलझा हुआ है। राजनीतिक पंडित भी मुकाबला आमने-सामने का मान रहे हैं। लालकुआं सीट तब चर्चा में आई जब कांग्रेस ने यहां से घोषित प्रत्याशी संध्या डालाकोटी का टिकट काटकर रामनगर से घोषित प्रत्याशी पूर्व सीएम हरीश रावत को यहां से चुनाव लड़ने के लिए भेज दिया। संध्या ने बागी होकर निर्दलीय ताल ठोकी है। पार्टी से जुड़े सूत्र डैमेज कंट्रोल की कोशिशें परवान न चढ़ने के लिए अंदरूनी सियासत को जिम्मेदार बता रहे हैं। भाजपा ने जिला पंचायत सदस्य डॉ. मोहन सिंह बिष्ट को कुछ दिन पहले पार्टी में शामिल कराकर टिकट दिया है। उनके सामने लालकुआं के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष पवन चौहान ने ताल ठोकी है।

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