केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को विपक्षी दलों पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के मांग के चैंपियन रहे राजनीतिक दल ही आज इसके और बहुलता के लिए असली खतरा बन बैठे हैं।
प्रधान ने कहा कि इनमें महाविकास अघाड़ी से लेकर आप और तृणमूल तक सभी विपक्षी दलों के नेता शामिल हैं। इन दलों के राजनीतिक अभिनेताओं ने आलोचना करने वालों और तुच्छ सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है।
अहंकार नियंत्रण से बाहर हो जाए तो ऐसा होता है
प्रधान ने यह भी स्पष्ट किया कि वे नफरत फैलाने वाली अपमानजनक टिप्पणियों व पोस्टों का समर्थन नहीं करते, लेकिन शरद पवार और अरविंद केजरीवाल के समर्थकों ने अपने नेता के खिलाफ टिप्पणी करने वालों को थप्पड़ मारने, उनकी धरपकड़ व गिरफ्तारी कराकर अभिव्यक्ति की आजादी और मुश्किल कर दिया है। क्या उनका सम्मान इतना कमजोर है? जब अहंकार नियंत्रण से बाहर हो जाता है तो क्या होता है, यह उसका अनूठा उदाहरण है।