कारतूसों की तस्करी के आरोपी आर्म्स डीलर की दुकान अभी बंद ही है। उसकी दुकान के ताले खुलेंगे, तभी पुलिस और प्रशासन गोलियों का हिसाब किताब कर सकेगी। हालांकि, इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने अभी तक देहरादून पुलिस से कोई सहयोग नहीं मांगा है। यही कारण है कि पुलिस और प्रशासन दुकान के ताले खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
गत 12 अगस्त को खुलासा हुआ था कि देहरादून का एक आर्म्स डीलर दिल्ली में गिरफ्तार हुआ है। उसके पास से 2200 से अधिक कारतूस बरामद हुए थे। दिल्ली पुलिस देहरादून में जांच करने के लिए भी पहुंची थी, लेकिन उन्होंने स्थानीय पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी थी। इसके बाद स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने अपने स्तर से पड़ताल की तो पता चला कि वह ट्रांसपोर्ट लाइसेंस के आधार पर कारतूसों को बाहर भेजता था।
मगर, इस बार उसके पास ट्रांसपोर्ट लाइसेंस नहीं था। इससे पहले उसने मई माह में अंतिम बार अमृतसर के लिए ट्रांसपोर्ट लाइसेंस लिया था। इसके बाद प्रशासन ने शहर के सभी आर्म्स डीलरों की चेकिंग की थी। चेकिंग से बचा था तो वह रॉयल आर्म्स। क्योंकि, उसकी दुकान बंद थी।