वाराणसी। कानून की आंख में धूल झोंक कर कुछ भी करवा लेने का ठेका लेने वालों के लिए वाराणसी में यह मामला नजीर बना हुआ है। दो दिन पूर्व दो दशक पहले मर चुके व्यक्ति को जमानतदार बना दिया गया। मगर जमानत लेने वालों को पेश करने का आदेश होने के बाद अब भूत को कहां से लाया जाए? यह माथापच्ची करने के दौरान पुलिस के सामने आया कि भूत को वह नहीं तलाश सकी है, ऐसे में अब कार्रवाई की जानी चाहिए। दरअसल फर्जी जमानत देने के मामले में पांच के खिलाफ संगीन धाराओं में कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। सिपाही की तहरीर पर जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया गया। न्यायालय विशेष कार्यपालक मजि. / सहायक पुलिस आयुक्त कार्यालय में नियुक्त हेड कांस्टेबल अजय कुमार सिंह की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि थाना लालपुर पाण्डेयपुर वाराणसी से एक पक्षीय चालानी धारा 151/107/116 सीआरपीसी की चालानी प्राप्त हुयी थी। इसमें अभियुक्तगण 1. जितेन्द्र पुत्र स्व. राम मनुज पटेल निवासी ग्राम लमही थाना लालपुर वाराणसी उम्र 34 वर्ष, 2- धर्मेन्द्र कुमार पटेल पुत्र स्व. राम सनुज पटेल निवासी ग्राम लमही थाना लालपुर कमिश्नर वाराणसी उम्र 40 वर्ष 3- शीला देवी पत्नी स्व. संजय ग्राम लमही थाना लालपुर को गिरफ्तार होकर न्यायालय पेश किया गया। तदोपरान्त धारा 116(3) सीआरपीसी को तहत दो-दो लाख रू. का व्यक्तिगत बन्ध पत्र व इतनी ही धनराशि की दो-दो जमानत की मांग की गयी। पर्याप्त समय देने के बावजूद विपक्षीगण द्वारा व्यक्तिगत बन्धपत्र व जमानत प्रस्तुत नहीं किया गया।