राज्यपाल ने काठगोदाम में पूर्व सैनिकों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं पर की चर्चा

उत्तराखण्ड

नैनीताल/हल्द्वानी। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को सर्किट हाउस काठगोदाम में पूर्व सैनिकों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं व चुनौतियों के संबंध में चर्चा की। काठगोदाम पहुंचने पर पूर्व सैनिकों द्वारा राज्यपाल का स्वागत किया गया। बैठक के दौरान राज्यपाल ने कहा की प्रत्येक पूर्व सैनिक व उनके परिवारों की समस्याओं का समाधान करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। उन्होंने कहा की पूर्व सैनिकों की विभिन्न समस्याएं होती हैं जिनका समाधान किया जाना बेहद जरूरी है, इसके लिए वह निरंतर प्रयासरत हैं।
राज्यपाल ने कहा की उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है जिसमें लगभग प्रत्येक परिवार से कोई न कोई देश सेवा कर रहा है इसे देखते हुए पूर्व सैनिक व उनके परिवारों की समस्याओं के समाधान हेतु राजभवन में एक अलग से शिकायत प्रकोष्ठ (ग्रीवांस सेल) बनाया गया है जिसमें शिकायत निवारण अधिकारी की तैनाती गयी है। उन्होंने कहा की राजभवन में यह भी व्यवस्था की गई है की वीरांगनाओं, पदक विजेताओं व दिव्यांग पूर्व सैनिकों के लिए अपॉइंटमेंट की जरूरत नहीं है वे सीधे राज्यपाल से मुलाकात कर अपनी समस्याएं रख सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा की पूर्व सैनिक उत्तराखण्ड में पर्यटन, कृषि, वेलनेस, और होम स्टे जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़कर कार्य करें और प्रदेश के आर्थिक विकास में अपना योगदान दें। यहां प्रत्येक क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं, पूर्व सैनिक किसी भी क्षेत्र में बेहतर कार्य कर एक रोल मॉडल बनें। इस अवसर पर पूर्व सैनिकों द्वारा राज्यपाल के समक्ष विभिन्न समस्याएं रखीं गई जिनमें मुख्य रूप से हल्द्वानी में स्टेशन कैंटीन की स्वीकृति दिलाए जाने, मुख्यमंत्री घोषणा के अन्तर्गत हल्द्वानी में पूर्व सैनिकों के बच्चों हेतु छात्रावास व बिन्दुखत्ता में सैनिक मिलन केंद्र हेतु की गई घोषणा के बावजूद कार्यवाही नहीं होने और पेंशन संबंधित समस्याओं व ईसीएसएच सुविधाओं के विस्तार से संबंधित सुझाव रखे। राज्यपाल ने सभी सुझावों एवं समस्याओं पर उचित कार्यवाही को आश्वासन दिया। उनकी समस्याओं को सुनने के लिए सभी पूर्व सैनिकों द्वारा राज्यपाल का धन्यवाद किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष पूर्व सैनिक लीग, मेजर (रि.) वी.एस. रौतेला सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक व सैनिक लीग के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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