अति पलायन प्रभावित गांवों का औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती के लिए किया गया चयन

उत्तराखण्ड

रूद्रप्रयाग। जनपद में अतिपलायन प्रभावित गांवों में मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना का सफल क्रियान्वयन के लिए जनपद में विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित योजनाओं का प्रभावित लोगों को लाभ पहुंचाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। अतिपलायन प्रभावित गांवों में पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना संचालित की जा रही है। योजना के तहत किसानों की आय में वृद्धि हेतु किसानों को सुगंधित और औषधीय पौधों की खेती के लिए उच्च गुणवत्ता वाली रोग और कीट मुक्त पौध सामग्री निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।
इस आशय की जानकारी देते हुए मुख्य कृषि अधिकारी लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने अवगत कराया है कि जिलाधिकारी के निर्देशन में मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जनपद के अंतर्गत विकास खंड अगस्त्यमुनि के निषणी, नवासू व बंगोली गांव अतिपलायन प्रभावित गांव की श्रेणी में चयनित हैं जहां औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती के लिए चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत उक्त चयनित गांवों के प्रस्तावित क्षेत्र का भ्रमण एवं निरीक्षण किया गया। इसके साथ ही गोष्ठी के माध्यम से किसानों को फसल की जानकारी व इसके लाभ से अवगत कराया गया। इसके बाद उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए इच्छुक कृषकों की सूची तैयार कर उन्हें खेती की तकनीकों के बारे में ऑफ फार्म व ऑन फॉर्म किसान प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद खेत तैयार करते हुए पौध रोपण व रोपण से फसल कटाई तक की देखभाल तथा उनके द्वारा उगाए गए उत्पादों का विभिन्न संस्थाओं द्वारा क्रय करवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सगंध एवं औषधीय पादपों की खेती हेतु अनुकूल स्थान, जलवायु आदि की जानकारी लेने व किसानों को जानकारी देने हेतु उनके नेतृत्व में कृषि विभाग एवं संबंधित विशेषज्ञों ने क्षेत्र भ्रमण करते हुए किसानों से वार्ता की। भ्रमण के दौरान सगंध एवं औषधीय पादपों की विशेषता को देखते हुए किसानों द्वारा अपनी बंजर भूमि को तैयार किया गया जो वर्षाे से बंजर पड़ी थी। मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के अंतर्गत किसानों को निःशुल्क पौध उपलब्ध कराई गई हैं जिसका कृषकों द्वारा अपने तैयार खेतों में रोपण किया गया।

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