अति सघन बागवानी योजना में सेब की उत्पादकता 2.5 मै० टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर होगी 25 मै टन प्रति हेक्येयर

उत्तराखण्ड
  • अति सघन बागवानी के लिए 808.79 करोड़ रू. की मंजूरी

देहरादून। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने राज्य में सेब उत्पादन को बढ़ावा दिये जाने के लिए कैबिनेट में हुए अति सघन बागवानी के लिए प्रस्तावित 808.79 करोड़ रू. की मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। प्रदेश में सेब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिएराज्य सैक्टर के अन्तर्गत सेव की अति सघन बागवानी की योजनान्तर्गत वर्ष 2023-24 से वर्ष 2030-31 (08 वर्ष) तक 5000 है0 क्षेत्रफल में 60 प्रतिशत राजसहायता पर कृषकों के प्रक्षेत्र पर ड-9, डड- 111 तथा सीडलिंग आधारित सघन उद्यान स्थापित किये जाने पर रु0 808.79 करोड़ व्यय किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में राज्य में सेब के सामान्य बागानों में लगभग 2.50 मै0टन प्रति है० उत्पादकता है, जबकि सेब की अतिसघन बागवानी से लगभग 25 मै० टन प्रति है० उत्पादकता प्राप्त होगी, जिससे लगभग 45000 से 50000 रोजगार सृजन एवं सेब का वर्तमान व्यवसाय रु० 200 करोड़ से बढ़ाकर रु0 2000 करोड़ किये जाने का लक्ष्य है। साथ ही कृषकों की आय में वृद्धि, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन में कमी एवं राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में सहयोग होगा। इसके अतिरिक्त मंत्री ने कैबिनेट में नाबार्ड की आर.आई.डी.एफ. योजनार्न्तगत ष्कलस्टर आधारित छोटे पॉलीहाउस में सब्जी एवं फूलो की खेती की योजना के नवीन प्रस्ताव को भी रखा। जिसमे योजनार्न्तगत 50 वर्गमी0 आकार के 7500 पॉलीहाउस तथा 100 वर्गमी० आकार के 13898 पालीहाउस (कुल 21398 पालीहाउस) स्थापित किये जाने का लक्ष्य है। योजना का क्षेत्रफल पूर्व स्वीकृत मानक के अनुसार 1764800 वर्गमी० तथा योजना की स्वीकृत लागत रू० 304.43 करोड़ ही है। मंत्री ने कैबिनेट में हुए फैसले के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पूरी कैबिनेट का आभार व्यक्त किया है।

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