- एसीएस राधा रतूड़ी ने गृह विभाग की समीक्षा की
- राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के गठन की कार्यवाही तेज करने के दिए निर्देश
देहरादून। मानवाधिकार संरक्षण के दृष्टिगत अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने जिलों के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को कारागारों की मांग पर कैदियों को मेडिकल सुविधा आदि तक पहुंचाने के लिए सुरक्षा कर्मियों की आपूर्ति को तत्काल एवं शीर्ष प्राथमिकता पर पूरा करने की कड़ी हिदायत दी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ड्रग्स फ्री देवभूमि के विजन को जल्द से जल्द साकार करने हेतु राधा रतूड़ी ने राज्य में शीघ्र एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के गठन हेतु गढ़वाल और कुमाऊँ मण्डल में एक-एक ड्रग्स इंस्पेक्टर तथा 35 अन्य कार्मिकों के स्पष्ट प्रस्ताव को शीघ््रा गृह विभाग को भेजने के निर्देश पुलिस विभाग को दिए हैं।
शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में एसीएस राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड में सार्वजनिक प्रतिष्ठानों, बैंकों, हैलीपैड, हैलीपोर्ट, औद्योगिक आस्थानों की सुरक्षा के लिए गठित की जाने वाली एसआईएसएफ (राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल ) के गठन की कार्यवाही को तीव्र करने के निर्देश पुलिस, होमगार्ड्स एवं अन्य सम्बन्धित विभागों को दिए। बैठक में उन्होंने इससे सम्बन्धित सभी लंबित प्रस्तावों की समीक्षा की। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के तर्ज पर राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल (एसआईएसएफ) गठन के निर्देश दिए हैं। राज्य में बैंकों एवं औद्योगिक आस्थानों, हैलीपैड एवं सरकारी उपक्रमों की पुख्ता सुरक्षा के लिए एक उत्तरदायी एवं संवेदनशील सुरक्षा बल की नितान्त आवश्यकता है।
आज की बैठक में राधा रतूड़ी ने नशीले पदार्थों के तस्करों से कड़ाई से निपटने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का पूरी तरह से गठन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को इस सम्बन्ध में हिमाचल प्रदेश मॉडल और उत्तर प्रदेश मॉडल का अध्ययन करने के भी निर्देश दिए हैं। इस दिशा में नशा तस्करों की रीढ़ तोड़ने और अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय गिरोहों का पर्दाफाश करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का सहयोग लिया जाएगा। बैठक में विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल सहित सम्बन्धित विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।