नानकमत्ता हत्याकांड में पुलिस ने दो और षड़यंत्रकारियों का किया गिरफ्तार

उत्तराखण्ड

देहरादून। नानकमत्ता हत्याकांड में पुलिस ने दो और षड़यंत्रकारियों सतनाम सिंह और सुलतान सिंह को गिरफ्तार किया है। सतनाम सिंह को नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया। सुल्तान सिंह को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया। हत्याकांड का मुख्य षड़यंत्रकारी सुल्तान सिंह है।
सुल्तान सिंह द्वारा ही हत्याकांड की साजिश रची गई थी। हत्याकांड हेतु अन्य षड़यंत्रकारियों को एकत्रित किया गया और शूटरों को पैसे और हथियार उपलब्ध करवाए थे। अब तक हत्याकांड में शामिल 09 षड़यंत्रकारियों को गिरफ्तार और 01 अभियुक्त का एनकाउंटर किया जा चुका है।
गिरफ्तार अपराधियों पर हत्या, लूट, गैंगस्टर जैसे जघन्य अपराध सम्बंधित दर्जनो मुकदमे दर्ज हैं। हत्याकांड में शामिल मास्टर प्लानर के विरुद्ध साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। बिना वजह के उक्त प्रकरण के संबंध में सोशल मीडिया में अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध भी की जाएगी व सख्त वैधानिक कार्यवाही की जाएी।
28 मार्च को द्वारा 112 से प्रातः समय करीब 06.29 बजे  थाना नानकमत्ता पर सुचना प्राप्त हुई की डेरा कार सेवा नानक मत्ता के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह को अज्ञात मोटर साइकिल सवारों ने द्वारा गोली मार दी गयी है। जिस पर थाना नानकमत्ता पुलिस टीम द्वारा मौका मुवायना किया गया तो जानकारी हुई कि डेरा कर सेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह प्रातः डेरे के बरामदे में कुर्सी में बैठे थे कि समय करीब 06 रू17 बजे एक मोटरसाइकिल पर दो अज्ञात व्यक्ति आये जिसमें से पीछे बैठे व्यक्ति के द्वारा अपने पास ली हुई राइफल से बाबा तरसेम सिंह पर दो फायर करे और मौके से मोटरसाइकिल में फरार हो गए। घायल बाबा तरसेम सिंह को पहले पंच रत्न अस्पताल नानकमत्ता फिर हायर सेंटर स्वास्तिक अस्पताल खटीमा  ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
घटना के सम्बन्ध में वादी मुकदमा जसवीर सिंह निवासी चारूबेटा थाना खटीमा की तहरीर के आधार पर थाना नानकमत्ता पर एफ0आई0आर0 नंबर भादवि बनाम सरबजीत सिंह आदि कुल 02 नामजद व 03 बाईस्तवा अभियुक्तगण पंजीकृत किया गया। विवेचना बहादुर सिंह चैहान, क्षेत्राधिकारी सितारगंज द्वारा ग्रहण कर विवेचना प्रारम्भ की गयी तथा फॉरेन्सिक, दस्तावेजी, सीसीटीवी, बयानात चश्मदीद गवाहान व सर्विलांस की सहायता से ठोस साक्ष्य संकलन कर दिनांक 03-04-2024 को 02 अभियुक्तगण दिलबाग सिंह व अमनदीप सिंह उर्फ काला, दिनांक 04-04-2024 को 02 अभियुक्तगण बलकार सिंह व हरविन्दर सिंह उर्फ पिन्दी, दिनांक 06-04-2024 को 02 अभियुक्तगण जसपाल सिंह व परगट सिंह व दिनांक 07-04-2024 को 01 अभियुक्त सुखदेव सिंह उर्फ सोनू गिल की गिरफ्तारी की गयी तथा घटना में प्रयुक्त 02 कारें, डीवीआर, मोबाईल फोन आदि बरामद किये गये ।
मुकदमें में वांछित मुख्य अभियुक्त शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा व सरबजीत सिंह के वारंट  प्राप्त कर उन पर 01 लाख रूपये का ईनाम घोषित किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार मुकदमा उपरोक्त में मुख्य अभियुक्त शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा की दिनांक 09-04-2024 को पुलिस मुठभेड़ के दौरान घायल होना व अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु होना ज्ञात हुआ है। जिसके सम्बन्ध में थाना भगवानपुर जनपद हरिद्वार में एफ0आई0आर0 नंबर 256ध्2024 धारा 307 भादवि व 3ध्25 आर्म्स एक्ट बनाम अमरजीत पंजीकृत किया गया है। वांछित अभियुक्त सतनाम सिंह पुत्र जगीर सिंह व 20 हजार के इनामी अभियुक्त सुल्तान सिंह पुत्र इन्दर सिंह की गिरफ्तारी मुकदमा उपरोक्त में वांछित अभियुक्त सतनाम सिंह की गिरफ्तारी के लिए मुकदमें के लिए गठित ैप्ज् की बिभिन्न टीमों को तैनात किया गया तथा उन्हें लगातार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निर्देश दिये जा रहे थे । इस दौरान अभियुक्त सतनाम गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदलता रहा परन्तु गठित टीम द्वारा प्रोफेशनल पुलिसिंग करते हुए वांछित अभियुक्त को दिनांक 12.04.2024 को गौरीफंटा जिला लखीमपुरखीरी से गिरफ्तार किया ।
मुकदमा उपरोक्त में 20 हजार के इनामी सुल्तान को गिरफ्तार करने के लिए भी विभिन्न टीमें दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व पंजाब के विभिन्न स्थानों पर लगातार दबिस देती रही परन्तु अभियुक्त बहुत ही शातिर होने व लम्बे आपराधिक इतिहास के कारण शातिराना तरीके से अपने ठिकाने बदलकर खुद को छुपाता रहा । परन्तु गठित टीमों द्वारा मैनुअल इनपुट व सर्विलॉस की सहायता से अभियुक्त सुल्तान को पिल्लूखेडा थाना क्षेत्र जनपद जिन्द हरियाणा से दिनांक 12.04.2024 को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त सतनाम द्वारा अपने सह अभियुक्तों दिलबाग, बलकार, परगट व हरविन्दर उर्फ पिन्दी के साथ मिलकर बाबा तरसेम की हत्या का षडयन्त्र रचा। इस षडयन्त्र को पूरा करने के लिए उन्होंने आवास विकास स्थित गुरुद्वारे व दिलबाग के घर पर की गई मीटिंगों में विस्तृत योजना बनायी तथा हत्या हेतु सरबजीत व अमरजीत नाम के पेशेवर अपराधियों को अपने साथियों के साथ मिलकर पैसा, मोबाईल, हथियार व अन्य संसाधन उपलब्ध कराकर साजिस को अंजाम तक पहुंचाया व घटना के बाद से ही लगातार फरार चल रहा था। तराई क्षेत्र में गुरुद्वारों व सिक्ख समुदाय से जुडे धार्मिक स्थालों पर वर्चस्व को लेकर चल रही रंजिश के कारण अभियुक्त सुल्तान द्वारा कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर बाबा तरसेम की हत्या करने के लिए दिलबाग, बलकार, परगट व हरविन्दर उर्फ पिन्दी व सतनाम को षडयन्त्र में शामिल करते हुए सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम दिया। अभियुक्त के मुख्य शूटर अमरजीत उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा से सीधा सम्पर्क भी प्रकाश में आया है। षड़यन्त्रकारियों को इस हत्या के लिए जोडने व शूटर्स को पैसा व अन्य संसाधन उपलब्ध कराने में भी अभियुक्त सुल्तान की मुख्य भूमिका रही है।

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