गौचर / चमोली। मोहनखाल में मोहनखाल चोपता-तुंगनाथ सड़क निर्माण की मांग को लेकर दर्जनों गांवों की जनता संघर्षरत है। और राष्ट्र ध्वज फहराकर अधिवेशन शुरू किया गया।
अधिवेशन के मुख्य वक्ता पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा कि मोहनखाल – चोपता -तुंगनाथ सड़क निर्माण की मांग को जायज ठहराते हुऐ कहा कि चल रहा यह संघर्ष स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि मोहनखाल से कानातोली तक रिजर्व फॉरेस्ट है, और आगे सेंचुरी मे है, इसलिए इसमें तकनीकी समिति भी बनानी होगी। उन्होने सुझाव दिया है कि देहरादून विधान सभा के वजाय 21-22 को गैरसैंण में विधान सभा का आयोजन हो रहा है। वहां सीएम व सभी विभागो के अधिकारी भी होगे। वहां जा कर अपनी बात रखी जाय। इस मौके पर अन्य वक्ताओ ने कहा कि अस्सी के दशक में अविभाजित उत्तर-प्रदेश में वन विभाग ने पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से मोहनखाल-चोपता-तुंगनाथ 22 किमी0 सड़क का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था, जिसमे प्रारंभिक में 12 किमी0 की स्वीकृति मिली और वन विभाग ने ही 12 किमी0 सड़क का निर्माण किया है। उसके बाद आज 45 साल व्यतीत होने के बाद आज तक सड़क अधर में लटकी है। हालांकि मोहनखाल चोपता-तुंगनाथ क्षेत्र जनपद रुद्रप्रयाग व गोपेश्वर के अंतर्गत है।
वक्ताओं ने कहा कि क्षेत्र के इन दोनो जनपद से लगातार सरकार में जनप्रतिनिधि यानी विधायक व कैबिनेट मंत्री तक रहे है। परन्तु किसी ने भी इस महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण के प्रति सुध नही ली है। जिस वजह क्षेत्र के दर्जनभर जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणो को सड़क निर्माण के लिए मुखर होना पड़ा है। संघर्ष समिति ने निर्णय लिया है कि क्षेत्र की जनता मोहनखाल से चोपता-तुंगनाथ तक पैदल ट्रैक से संघर्ष यात्रा करेगे। और उसके बाद विधान सभा से लेकर संसद तक संघर्ष करेगे।
अधिवेशन में एडवोकेट अर्जुन नेगी, संघर्ष समिति के अध्यक्ष राकेश नेगी, सक्रिय सदस्य शंकर सिंह, व्यापार मंडल के अध्यक्ष धर्मेन्द्र बिष्ट, दीपक थपलियाल, रवींद्र नेगी, श्रवण सती, बीरेंद्र राणा, बलराम सिंह नेगी, बिजयपाल रावत, सुमन नेगी, दिनेश नेगी, दिवाकर दत्त थपलियाल, सुनील राणा, हरीश खाली ने अपने बिचार रखे। अधिवेशन में जनपद रुद्रप्रयाग व चमोली के मोहनखाल क्षेत्र के दर्शन भर गांवो के महिला पुरुष मौजूद रहे।