देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। ये कहना है उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश सचिव आज़ाद अली का। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार पर निशाना साधते हुए उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश सचिव आजाद अली ने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्री राज्य में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं किंतु उनके इन क्रिया-कलापों पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चुप्पी साधे हुए हैं, जो उनकी निरंकुशता को दर्शाता है।
पत्रकारों से वार्ता के दौरान कांग्रेस नेता आजाद अली ने कहा कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन मंत्रियों की ओर इशारा करते हुए उनके भ्रष्टाचार में लिप्त होने की बात कही है। साथ ही मौजूदा मुख्यमंत्री से भ्रष्ट मंत्रियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग भी की है।
आजाद अली ने कहा कि अपने भ्रष्ट मंत्रियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाय स्वयं त्रिवेंद्र रावत अपने आरोपी मंत्रियों को बचाने की जुगत में लगे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का धन्यवाद करना चाहिए कि उन्होंने इस ओर उनका ध्यान आकर्षित कराया। हरीश रावत ने राज्य हित में ऐसा कार्य किया है।
आजाद अली ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत राज्यहित ना चाहकर अपने मंत्रियों का भला चाहते हैं कहीं ऐसा ना हो कि अपने चहेतों को उभारते हुए वह राज्य को ही विनाश के सागर में डुबो दें।
उन्होंने मांग की, कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को तत्काल अपने भ्रष्ट मंत्रियों की सूची तैयार कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करनी चाहिए नहीं तो काफी देर हो जाएगी। उन्होंने सीएम रावत को सलाह दी कि वह समय रहते नींद से जागें और उठकर राज्य हित में कार्य करें।भ्रष्टाचार समाज के लिए किसी जहर से कम नहीं है और ऐसे भ्रष्ट मंत्री राज्य के लिए जहर की तरह ही हैं।
उन्होंने कहा कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को पूर्व सीएम हरीश रावत का धन्यवाद करना चाहिए जो उन्होंने उनका ध्यान इस ओर आकर्षित कराया। किंतु सब कुछ जानकर भी अंजान बने बैठे त्रिवेंद्र सिंह रावत पार्टी के स्वार्थ में राज्य का अहित कर रहे हैं। लगता है मानो वे राजधर्म भूल चुके हों।
आजाद अली ने पत्रकारों से कहा कि अब समय आ गया है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने इन तथाकथित मंत्रियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करें। अन्यथा प्रदेश की मासूम जनता अब और बर्दाश्त नहीं करेगी। जिसका पूरा खामियाजा भाजपा और उसकी सरकार को भुगतना होगा।