देहरादून। यूनिवर्सिटी के वर्कशॉप सेमिनार हॉल में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मैं मेकेनिकल विभाग के विभागाध्यक्ष श्री मुकेश वजीर ने कहा कि वर्तमान समय में जहां प्रदूषण की
समस्या मानवता के खिलाफ सबसे बड़ी चुनौती के रूप में उभर रही है। टीम परक्राम के तहत डीआईटी विश्वविद्यालय के 17 छात्रों के एक समूह ने सौर इलेक्ट्रिक हाइब्रिड वाहनबनाकर ई-गतिशीलता और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने का फैसला किया। टीम को अगस्त 2017 में
ऑटोमोबाइल की ई-गतिशीलता के
सबसे युवा भाग के क्षेत्र में काम करके पर्यावरण कल्याण के लिए काम करने की दृष्टि से शुरू किया गया था। टीम ने *इंपीरियल सोसाइटी ऑफ
इनोवेटिव इंजीनियर्स द्वारा आयोजित इलेक्ट्रिक सौर वाहन चैम्पियनशिप मेंभाग लेने का फैसला किया, जहां पूरे भारत के 150 संस्थानों ने सौर
इलेक्ट्रिक वाहन बनाकर भाग लिया। टीम ने आर्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, जयपुर, राजस्थान में
13/10 / 2017- से 16-10/2017 सेआयोजित
ईएसवीसी के प्री-आभासी दौर में भाग लिया जहां सभी टीम नेऑटोमोबाइल निर्माण के बारे में तीन दिनों की कार्यशाला में भाग लिया और एक परीक्षण कार्यशाला के बाद लिया गया और टीमों का मूल्यांकन परीक्षण के आधार पर किया गया। *टीम पराक्राम को प्री-आभासी दौर मेंऑल इंडिया रैंक 1मिला*। टीम ने दिसंबर 2017 में डिजाइनिंग दौर को भी मंजूरी दे दी। डिजाइनिंग दौर के बाद टीम ने वाहन के विनिर्माण चरण के साथ शुरुआत की ,जहां टीम ने फंड की तलाश शुरू कर दी, इसलिए टीम ने कई कंपनियों और साथ ही साथ फंड और टीम के लिए सरकार से संपर्क
किया आखिरकार 15 जनवरी 2018 को सफलता मिली जब दो टीम के सदस्य वर्तिक श्रीवास्तव और एरिज फरीदी ने उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी से मुलाकात की जिन्होंने 1.5 लाख कीसहायता प्रदान की। सोलर वर्ल्ड, एबीबी काम, एक्सिस बैंक, क्वालिटीहार्डवेयर इत्यादि जैसी कई कंपनियां तथा, डीआईटी विश्वविद्यालय भी छात्रों की मदद के लिए आगे आया। टीम को बहुत मुश्किल समय का सामना करना पड़ा जब ईएसवीसी फाइनल इवेंट की कार्यक्रम परीक्षा तिथियों के साथ संघर्ष कर रही थी, इसलिए टीम को कार्यक्रम छोड़ना पड़ाऔर इनोवेटिव इंजीनियर्स के रेफेंजेबल सोसाइटी द्वारा आयोजित एक अन्यकार्यक्रम सौर उर्जा वाहन चैम्पियनशिप (एसयूवीसी) में भाग लेना पड़ा।टीम ने 3,08,000 / – की कुल लागत के साथ 10 महीनों केनिरंतर कड़ी मेहनत के साथ वाहन का निर्माण किया। टीम ने पुराने लैपटॉप बैटरी का उपयोग करके वाहन के
बैटरी पैक को वाहन में एक अद्वितीयनवाचार भी पेश किया है, इस प्रकार टीम ने ₹ 80,000 / – से केवल ₹ 6,000 / – तक बैटरी की लागत कम कर दी। टीम ने 26/05/2018 से 30/05/2018 तक ग्वालियर में आयोजित एसयूवीसी में भाग लिया जहां टीम की निम्नलिखित उपलब्धियां थीं
1. सौर प्रदर्शन में अखिल भारतीय
रैंक 1
2. आरएसटीई भविष्य पुरस्कार में
अखिल भारतीय रैंक
3. ऑल इंडिया रैंक 2 सर्वश्रेष्ठ
डिजाइन पुरस्कार में
4. संकाय सलाहकार को गुरु
द्रोणाचार्य पुरस्कार
5. टीम के कप्तान को टीम लीडर
पुरस्कार
6. टीम भावना पुरस्कार
5/06/2018 को डीआईटीयू में छात्रों की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए डीआईटीयू में एक समारोह आयोजित किया गया जहां श्री विनय गोयल, प्रोफेसर उमेश वजीर एचओडी मैकेनिकल, श्री नितिन कुमार गुप्ता और डीआईटी विश्वविद्यालय के संकाय छात्रों के प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए एकत्र हुए समुदाय को श्री विनय गोयल ने पर्यावरण के लिए सौर वाहन के महत्व को बताया तथा ऐसे प्रतिभावान मेधावी एवं नए आविष्कार करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी इस अवसर पर आविष्कार करने वाले छात्रों के परिजन भी अपने होनहारों की उपलब्धियां देखकर अत्यंत प्रसन्न नजर आए।