देहरादून के लोहारका गांव में पहाड़ी दरकने से बनी कृत्रिम झील,प्रशासन राहत व बचाव मे जुटा

उत्तराखण्ड
देहरादून –  सुदुरवर्ती क्षेत्र लौहारका में विगत दिवस पहाड़ी दरकने से क्षेत्रवासियों की 15 बीघ जमीन पर खड़ी फसल, जिसमें मुख्य रूप से धान,अदरक एवं गागले, जमीदोज हो गयी, जिससे कास्कारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। और पहाड़ी के दरकने का सिलसिला अभी धीरे-धीरे जारी है। जिला प्रशासन की ओर से आज नगर मजिस्ट्रेट मनुज गोयल एवं उप जिलाधिकारी सदर प्रत्युष सिंह की सह अध्यक्षता में क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्य चलाया गया। ज्ञातव्य है कि पहाड़ी के दरकने से क्षेत्र में कृत्रिम झील बन गई थी, जिससे नीचे क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों को खतरा पैदा हो गया था। आज सुबह से ही क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्य के लिए जिला प्रशासन की ओर से खाद्य आपूर्ति, चिकित्सा, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, एसडीआरएफ, पुलिस विभाग की टीमों द्वारा राहत कार्य चलाया गया। क्षेत्र में बनी झील का पानी निकालने का प्रयास एसडीआरएफ, पीएमजीएसवाई द्वारा चलाया गया और काफी जद्दोजहद के बाद पानी की निकासी शुरू की जा सकी जिससे अब क्षेत्र में मण्डरा रहा खतरा कम हो गया है।
लोहारका क्षेत्र जो थाना चम्बा टिहरी गढवाल के अन्तर्गत ब्लाक थत्युड़ में अवस्थित है क्षेत्र में विगत दिनों से लगातार हो रही वर्षा के कारण लोहारका गांव के सामने की पहाड़ी दरकनी शुरू हो गयी थी जो पूर्ण रूप से दरक गयी है, जिससे गांव के लोगों की 15 बीघा क्षेत्र में खड़ी फसल मलवे में दब गयी। एसडीआरएफ की टीम द्वारा विगत दिन से ही गांव में डेरा डाल रखा था और लोगों को हो रही परेशानियों से निजात दिलाने का कार्य कर रही थी। क्षेत्रान्तर्गत पहाड़ी दरकने का सर्वे भू-गर्भ विभाग के अधिकारियों द्वारा किया गया तथा ड्रोन के माध्यम से क्षेत्र की पहाड़ी व गांव का पूरा सर्वे नगर मजिस्ट्रेट देहरादून की देख-रेख में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा प्रशासन के अधिकारियों से तत्काल मुआवजा दिलाये जाने तथा राहत कार्य चलाये जाने की मांग रखी। इस पर नगर मजिस्टेªट द्वारा ग्राम वासियों को आश्वस्त किया गया कि सरकार द्वारा जो भी आर्थिक क्षति उपलब्ध कराई जायेगी, उसका वितरण तत्परता से किया जायेगा। नगर मजिस्ट्रेट द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों पर स्वयं निगरानी रखी गयी तथा उपस्थित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये। राहत एवं बचाव कार्य में लगे एसडीआरएफ एवं पीएमजीएसवाई के कार्मिकों द्वारा तेजी से झील का पानी हटाने का कार्य किया गया, जो दोपहर 2 बजे तक  चलाया गया  और धीरे-धीरे पानी की निकासी करने में सफलता प्राप्त की गयी। पानी की निकासी हो जाने के उपरान्त में अब क्षेत्र में किसी प्रकार का कोई  संकट नही है। क्षेत्रवासियों ने जिला प्रशासन देहरादून द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही के लिए आभार जताया।

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