शिव बालयोगी ट्रस्ट ने आश्रम में जनरल हनूत की समाधि होने का दावा किया खारिज,तोड़ फोड़ का आरोप भी बताया बेबुनियाद

उत्तराखण्ड

देहरादून। आज देहरादुन प्रेस क्लब में शिव बालयोगी आश्रम के सदस्यो द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। पत्रकार वार्ता को श्री मानवेन्द्र सिंह ,मा बीजेपी बिधायक ,मध्य प्रदेश , श्री रणविजय सिंह आश्रम ट्रस्टी ,उदय प्रताप ,महाराजा ,सिरमौर सयुक्त रूप से संबोधित किया गया ।दरशल आश्रम के लोगो द्वारा  ये प्रेस  वार्ता इस बात का स्पष्टीकरण देने की लिए की गई थी कि आश्रम का लेफ्टिनेंट जनरल  हणुत सिंह की समाधि से कोई लेना देना नही है । इसके साथ ही कुछ अखबारों में आश्रम के लोगो  द्वारा लेफ्टिनेंट जनरल हणुत सिंह की समाधि स्थल में तोड़ फोड़ किये जाने की खबरें भी छापी गयी है । इस बात पर भी आश्रम के लोगो द्वारा अपना स्पष्टीकरण रखा गया । आश्रम के सदस्यों का कहना है कि कुछ समाचार पत्रों ने बिना किसी पुख्ता सबूत के ही  उन पर जनरल साहब की समाधि में तोड़- फोड़ के आरोप लगा दिए ।जबकि  हकीकत में ऐसा कुछ हुआ ही नही।
आईये अब कुछ इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी नज़र डालते हैं जिन पर आश्रम ट्रस्ट विश्वास रखता है –

1 आश्रम के नीचले हिस्से में स्व0 जनरल हनूत सिंह जी की कोई समाधी नहीं है। उनके निधन के पश्चात पुणे रेजिमेंट के लोगों ने सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार स्थित कनखल घाट पर कर दिया था। जनरल साहब के नाम पर नृपेन्द्र सिंह द्वारा सिर्फ राजनीति की जा रही है।

2 जनरल हनूत सिंह के निधन से पहले ही नगर निगम और जिला प्रशासन का समझौता जनरल हनूत के साथ हुआ था जिसमें नगर निगम ने उनके जीवित रहने तक नगर निगम की भूमि पर रहने की इजाज़त दी थी, उसके बाद नगर निगम ने कब्जा ले लेने की बात कही थी, तो नगर निगम के कहने के बाद भी वहां समाधि निर्माण क्यों किया गया।

3  नृपेन्द्र द्वारा अपने सीमा के अतिरिक्त भी शिवाबालयोगी आश्रम के क्षेत्र में भी कई हिस्सों पर डरा धमका कर कब्जा कर लिया गया था, जो ये दर्शाता है कि नृपेन्द्र उस भू-भाग पर कब्जा करना चाहते हैं।

4 आश्रम के अवैध भू-भाग में हुए सीलिंग की कार्रवाई को आश्रम ट्रस्ट इत्तेफाक रखता है और कार्रवाई को वाजिब करार देते हुए यह कहना चाहता है कि पूर्ण कार्रवाई आश्रम के शिकायत पर हुई है।

इसमें किसी भी राजनीतिक व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं है।

5- यह भी अवगत कराना है कि सीलिंग के कार्रवाई के बाद आश्रम पक्ष को कोई चाबी नहीं दी गई है ना ही उक्त भूमि पर कोई दखल दिया गया है।

6-  प्रश्नगत भूमि पर कोई समाधि नहीं बल्कि आठ दस कमरों का आलिशान महल है, समाधि की आड़ में महल को छुपाया जा रहा है ।
कहीं न कहीं ये पूरा मामला अब इस बात पर उलझता जा रहा है कि आखिर आश्रम में लेफ्टिनेंट जनरल की समाधि है भी या नही । क्योंकि आश्रम के लोग समाधि होने की बात से साफ इनकार कर रहे हैं ।उनकी माने तो समाधि बनाने की एक प्रक्रिया होती है ।

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