देहरादून। उत्तराखंड बजट सत्र के दौरान भराड़ीसैंण में बुधवार को सदन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर वित्त मंत्री अपना पहला बजट पेश किया। बजट में सरकार ने 53526 करोड़ के बजट की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का वर्ष 2020-21 का बजट नवीन आकांक्षाओं एवं आशाओं के साथ-साथ प्रदेश के निर्बल वर्ग की आवश्यकताओं को पूरा करने के ध्येय से बनाया गया बजट है। इसमें समाज के सभी वर्गों किसान, मातृशक्ति, युवाओं एवं उद्योग क्षेत्रों की सभी जरूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने विपक्ष के हंगामे की बीच आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की। जिसके तहत सकल घरेलू उत्पाद में 6.87 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। राज्य में प्रतिव्यक्ति आय एक लाख 98 हजार 738 है। वहीं कृषि और खनन में ग्रोथ रेट नेगेटिव है। पशुपालन में गोवंशीय और महिवंशीय नेगेटिव ग्रोथ 9.38 प्रतिशत है। दुग्ध उत्पादन बढ़ा है। फॉरेस्ट कवर 8.04 प्रतिशत बढ़ा है।
आर्थिक सुस्ती के बावजूद आर्थिक विकास दर मात्र .07 प्रतिशत ही कम हुई। राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है, पिछले वर्ष के मुकाबले बेहतर है। केंद्रीय करों में राज्य को 23662 करोड़ मिलने हैं। 82.72 प्रतिशत बैंक खातों को आधार से जोड़ा गया है। राजस्व विकास दर 12 प्रतिशत रही है। जीएसटी से राज्य को 16 प्रतिशत का फायदा हुआ है। पेट्रोल डीजल से 3.79 प्रतिशत आय घटी है। कुल राजस्व में 18 प्रतिशत से ज्यादा अकेले आबकारी की भागेदारी है।
जनवरी 2019 से दिसंबर तक महंगाई दर राष्ट्रीय दर से अधिक रही। 95 प्रतिशत राशन कार्ड आधार से लिंक हुए। कृषि भूमि कम हुई। उत्पादकता मामूली बढ़ी है। नमामि गंगे में 387 करोड़ रुपये जारी हुए हैं। एक लाख 11 हजार 221 लोगों को रोजगार मिला है। 37 हजार 894 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है। खनन पर 31 मार्च 2020 तक मात्र 411 करोड़ का राजस्व मिलेगा। जबकि 750 करोड़ का लक्ष्य था। सड़कों का विस्तार हुआ है। 16 हजार राजस्व गांव में से 12 हजार सड़कों से जुड़े। 14 हजार 452 राजकीय विद्यालयों में 4 लाख 67 हजार 122 छात्र हैं। चार हजार 726 निजी स्कूलों में पांच लाख 67 हजार 247 छात्र अध्ययनरत हैं। आयुष्मान के 38 लाख गोल्डन कार्ड बने हैं। 5050 शौचालय निर्माणाधीन हैं।