कैप्टन अमरिंदर सिंह सोमवार को कोई बड़ा धमाका कर सकते हैं। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कैप्टन का यह संभावित धमाका सीधे पार्टी हाईकमान को धाराशाही करेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि पंजाब में कैप्टन सरकार का कार्यकाल करीब छह माह ही बचा रह गया है, ऐसे में कैप्टन ने अगर कोई धमाका किया तो कांग्रेस हाईकमान की परेशानी बढ़ना तय है।
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस हाईकमान ने जिस तरह कैप्टन को अनदेखा करते हुए नवजोत सिद्धू को प्रधान नियुक्त करने का एलान किया है, वह कैप्टन को बहुत नागवार गुजरा है। कैप्टन ने हाईकमान के फैसले का सम्मान करते हुए सिद्धू को प्रधान बनाने पर सहमति जता दी थी और एक मामूली शर्त यही रखी थी कि सिद्धू उन पर की गई अभद्र टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें, तभी वे सिद्धू से बात करेंगे।
कैप्टन और सिद्धू के कद का अंतर समझें तो यह शर्त बहुत बड़ी नहीं थी, लेकिन हाईकमान ने कैप्टन को बहुत ही हल्के में ले लिया। अब उन्हें सिद्धू किसी भी कीमत पर प्रधान के रूप में मंजूर नहीं है और हाईकमान के अपने प्रति इस बर्ताव को कैप्टन ने अपमान के रूप में लिया है। 1984 के घटनाक्रम के बाद पंजाब कांग्रेस में जान फूंकने वाले और 2017 में जब पूरे देश में कांग्रेस का सफाया गया था, तो पंजाब में अपने बूते पर कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ पार्टी हाईकमान ने मौजूदा मामले में जैसा सलूक किया है, कैप्टन उससे बुरी तरह आहत हुए हैं।