कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भाजपा ने साढ़े चार वर्ष के कुशासन में तीन चेहरे दिए और तीनों फेल रहे। लोकतंत्र के इस अपमान का जनता करारा जवाब देगी।
एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में खेड़ा ने कहा कि युवा प्रदेश उत्तराखंड के समक्ष महंगाई और बेरोजगारी जैसी दो मुख्य समस्याएं विकराल रूप धारण करती जा रही हैं। पिछले कुछ महीनों में तेल और दाल समेत खाद्य सामग्री के भाव में काफी तेजी आई है। जून 2020 में सरसों तेल के दाम 90-100 प्रति लीटर एवं रिफाइंड 85 से 100 के बीच थे, जबकि इस समय बाजार में सरसों का तेल 160 से 180 प्रति लीटर मिल रहा है।
31 मार्च 2022 तक प्रदेश का कुल कर्ज लगभग 68 हजार करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है। फिर भी भाजपा की यह डबल इंजन सरकार अच्छे दिनों की दुहाई देने से बाज नहीं आ रही है। पिछले साढ़े चार वर्षों में वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी नया रोजगार राज्य के युवा शिक्षित बेरोजगारों को नहीं दिया, जबकि 5 साल में बेरोजगारी की दर छह गुना बढ़ गई है।
एनएसओ के सर्वे से खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर 14.2 प्रतिशत पहुंच चुकी है। राज्य में किसानों को फसल बीमा का लाभ भी नहीं दिया जा रहा है। उत्तराखंड में मनरेगा के अंतर्गत 100 दिन की रोजगार की गारंटी भी पूरी नहीं दी जा रही है। यहां सिर्फ 32 दिन का औसतन रोजगार मिल रहा है।