देहरादून। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की सख्ती के बावजूद भी नशामुक्ति केंद्रों का नशा उतरने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन की ओर से जितने भी केंद्रों की जांच की जा रही है, उनमें घोर लापरवाही सामने आ रही है। प्रशासन की ओर से इन्हें सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ा जा रहा है। अगस्त महीने में क्लेमेनटाउन क्षेत्र में एक नशामुक्ति केंद्र में युवती के साथ दुष्कर्म करने का मामला सामने आया था। इसके बाद चार युवतियां केंद्र से फरार हो गई। युवतियों से जब पूछताछ शुरू हुई तो उन्होंने नशामुक्ति केंद्र में चल रहे गंदे खेल के बारे में बताया। इसके बाद प्रशासन की आंखे खुली और केंद्रों पर शिकंजा कसने की तैयारी की, लेकिन कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साध ली।
जिले के पूर्व एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत ने सभी पुलिस थानों को निर्देशित किया था कि अपने-अपने थाना क्षेत्रों में केंद्रों की चेकिंग करते हुए 12 बिंदुओं पर रिपोर्ट बनाई। हालांकि इस तरफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। नशामुक्ति केंद्र में गड़बड़ियां जारी हैं।
नशामुक्ति केंद्रों में सुधार लाने की तमाम कोशिशों के बावजूद अनियमितताएं जारी हैं। गुरुवार को जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम की ओर से की केंद्रों में की गई चेकिंग के दौरान इसकी पोल खुली। कुछ केंद्रों में जहां क्षमता से अधिक व युवक युवतियां एक ही कमरे में रखी गई थी वहीं किसी केंद्र में नशा छुड़वाने के लिए पहुंचे युवक शराब पीते देखे गए।