स्वास्थ्य सेवाओं के सुढृढ़ीकरण में एनएचएम का अहम योगदानः धन सिंह रावत

उत्तराखण्ड
  • एनएचएम के तहत चालू वित्तीय वर्ष में राज्य को मिला 1129.35 करोड़ का बजट
  • डॉ0 रावत ने प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का जताया आभार
  • योजनाओं के बेहत्तर संचालन के चलते इस वर्ष मिली अधिक धनराशि

देहरादून। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का योगदान सबसे अहम है। मिशन के तहत स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है। एनएचएम के अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का बेहत्तर संचालन किये जाने पर केन्द्र सरकार ने इस वित्तीय वर्ष रूपये 1129.35 करोड़ का बजट स्वीकृत किया, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 280 करोड़ अधिक है। राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये सफल प्रयासों से यह संभव हो पाया है। एनएचएम के तहत केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृति धनराशि से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक मजबूत किया जायेगा, ताकि लोगों को स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं सुभल हो सके। एनएचएम के तहत राज्य को बड़ा स्वास्थ्य बजट मिलने पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया का आभार जताया।
सूबे के चिकत्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य को इस वित्तीय वर्ष रूपये 1129.35 करोड़ का बजट मिला है। उन्होंने कहा कि एनएचएम के तहत स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये बेहत्तर कार्यों को देखते हुये केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार अधिक बजट स्वीकृत किया है, जो कि एनएचएम एवं स्वास्थ्य विभाग के लिये बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवथाओं को और अधिक मजबूत किया जायेगा और लोगों स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ हो सकेंगी। डॉ0 रावत ने बताया कि स्वीकृत धनराशि राज्य में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों के रेफरल वाहनों की निःशुल्क व्यवस्था, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बालिका विद्यालयों में 50 सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और 50 इंसीनरेटर लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर कि स्थापना स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके साथ ही उत्तरकाशी एवं बागेश्वर में दो न्यू बोर्न स्टेबलिसेशन यूनिट का उच्चीकरण कर सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट के रूप में विकसित किया जायेगा। जबकि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जनपद अल्मोड़ा, बागेश्वर एवं रुद्रप्रयाग के जिला अस्पताल में किशोर हेल्थ क्लिनिक स्थापित किया जायेगा। इसके अलावा 14 ब्लॉकों के प्राथमिक अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में किशोर हेल्थ क्लिनिक की स्थापना की जायेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि किशोरों के स्वास्थ्य को ध्यान रखते हुये देहरादून, नैनीताल, पौड़ी, हरिद्वार, टिहरी एवं उधमसिंह नगर जनपद में मॉडल किशोर स्वास्थ्य क्लिनिक की स्थापना की जायेगी।
डॉ0 रावत ने कहा कि एनयूएचएम के तहत देहादून जनपद के मेहुंवाला में नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई। कंप्रिहेंसिव प्राइमरी हेल्थ केयर तहत 244 नए उपकेंद्र-हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों की स्थापना की जायेगी। इसके अलावा 1847 आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में निःशुल्क योग प्रशिक्षण दिया जायेगा। ब्लड सेल प्रोग्राम के तहत थैलीसीमिया के मरीजों को रक्त चढ़ाने के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेट प्रदान किये जायेंगे। उप जिला चिकित्सालय ऋषिकेश में नए ब्लड कम्पोनेंट सेपरेशन यूनिट कक्ष के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। आईपीएचएस मानकों के अंतर्गत 300 शैया वाले उप जिला चिकित्सालय हर्रावाला का निर्माण कार्य पूरा करने के लिये अवशेष बजट स्वीकृत किया गया है। ऐसे ही 200 शैया युक्त मल्टी स्पेशलिटी चिकित्सालय हल्द्वानी के निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए अवशेष बजट स्वीकृत किया गया है। उप जिला चिकित्सालय श्रीनगर में ट्रांजिट हॉस्टल, जनपद अल्मोड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देघाट, लमगड़ा एवं जनपद पौड़ी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खिर्सू, यमकेश्वर, रिखड़ीखाल, नैनीडांडा में ट्रजिट हॉस्टल के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चाकीसैंण, लक्ष्मणझूला में भी ट्रांजिट हॉस्टल निर्माण की स्वीकृति दे दी गई है। रेफरल ट्रॉसपोर्ट के तहत डायलसिस के लिए मरीजों को निःशुल्क यातायात सुविधा प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है। डॉ0 रावत ने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार लगातार काम कर रही है। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ आम आदमी तक पहुंचाने के निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।

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