सरकारी नौकरियों में राज्य आंदोलनकारियों के 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण के विधेयक को राजभवन ने सात साल बाद लौटा दिया है। राज्यपाल के सचिव डॉ.रंजीत सिन्हा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि विधेयक को पुनर्विचार के लिए लौटाया गया है।
प्रदेश सरकार ने राजभवन से विधेयक लौटाने के संबंध में नए सिरे पत्राचार कर अनुरोध किया था। अब सरकार इसकी खामियों को दूर कर नए सिरे से बिल ला सकती है। बता दें कि 2015 में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार ने विधान सभा से पास कराकर राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का बिल मंजूरी के लिए राजभवन भेजा था। सात साल बाद इसे लौटाया गया है। अमर उजाला ने 23 अगस्त के अंक में बिल लौटाने से संबंधित खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।