राजस्व पुलिस क्षेत्र को चरणबद्ध रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया जाएगा

उत्तराखण्ड

राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय
देहरादून। राज्य कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। राजस्व पुलिस क्षेत्र को चरणबद्ध रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया जाएगा। कैबिनेट ने फैसला लिया है कि सड़क दुर्घटना में मौत पर मृतक आश्रित को 1 के बजाय 2 लाख रुपये मुआवजा मिलेगा। उत्तराखंड सूचना प्रौद्योगिकी नियमावली में संशोधन, सर्टिफिकेट के लिए 20 के बजाय 50 रुपये यूजर चार्ज देना होगा। आवास, पेट्रोल पम्प का लैंड यूज चेंज करने की विसंगति दूर होगी। शहरी क्षेत्रों में 15 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 7.5 प्रतिशत चार्ज देना होगा। सिविल जज जूनियर डिवीजन को सिविल जज कहा जायेगा। कृषि विभाग में बागवानी के तहत एन्टी हेलनेट योजना में केंद्र की 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ उत्तराखंड सरकार 25 प्रतिशत सब्सिडी देगी।
सचिवालय में सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में निर्णलय लिया गया है कि अटल आवास योजना में पीएम आवास योजना की तरह पैसा मिलेगा। करीब 1 लाख 20 हजार मिलेंगे। इनकी इकम लिमिट बढ़ाई। 32 हजार के बजट 48 हजार सालाना इकम वालों को लाभ मिलेगा। 30 दिन अगर कोई बच्चा स्कूल में अनुपस्थित होगा बिना बताए हुए, उसे आउट ऑफ स्कूल मान लिया जाएगा। पहले यह अवधि 60 दिन थी। 30 दिन बाद स्कूल प्रशासन अभिभावकों से बात करें। राजस्व पुलिस क्षेत्र को चरणबद्ध रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया जाएगा। पहले चरण में पर्यटन गतिविधियों वाले क्षेत्रों में 6 थाने, 20 पुलिस चौकी बनेगी। महिला आरक्षण पर धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण पर उत्तराखंड सरकार जल्द ही अध्यादेश लाएगी, जिसके लिए सीएम धामी को अधिकृत किया गया है। बैठक में उत्तराखंड की की लॉजिस्टिक नीति को भी मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड लॉजिस्टिक नीति कैबिनेट में पास हो गई है। जीएसटी में पंजीकृत व्यापारी का दुर्घटना बीमा 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किये जाने का निर्णय लिया गया है। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को 143 विशेष शिक्षक दिए जाएंगे। यह नए पद सृजित हुए। हरिद्वार में नई निजी विवि का नाम हरिद्वार विवि किया जाएगा। पहले रुड़की विवि था। महंगाई भत्ता व बोनस के संबंध में निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। सेवायोजन विभाग से भी आउटसोर्सिंग भर्तियां हो सकेंगी। अभी तक उपनल, पीआरडी से होती है। उत्तराखंड एन्टी लिटरिंग एक्ट में जेल नहीं जाना पड़ेगा। केवल अर्थदंड लगेगा।

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