नाबालिग बेटे की स्कूटर चलाने की जिद से मजबूर एक पिता ने पुलिस के नाम भावुक पोस्ट लिखी है। उत्तराखंड पुलिस के फेसबुक पेज को टैग करते हुए पिता ने लिखा है कि शहर में बड़ी संख्या में नाबालिग वाहन चला रहे हैं। पुलिस उन्हें रोक नहीं पा रही है। देखादेखी में और बच्चे भी अपने अभिभावकों से वाहन खरीदने की मांग करते हैं।
संकट यह है कि अगर बच्चे को वाहन दे दिया जाए तो यह खतरनाक और नियम विरुद्ध होगा और नहीं देने पर घर में आए दिन विवाद होते हैं। ज्यादातर घरों की यही कहानी है। डीजीपी अशोक कुमार ने इसका संज्ञान लेते हुए यातायात निदेशक को निर्देश दिए हैं कि सभी स्कूलों के बाहर चेकिंग और जागरूकता अभियान चलाया जाए।
स्कूल प्रबंधन से भी छात्रों को बिना लाइसेंस के वाहन चलाने के लिए हतोत्साहित करने का अनुरोध किया जाए। उन्होंने कहा कि नाबालिग को वाहन सौंपना उनकी और किसी दूसरे की जिंदगी जोखिम में डालने जैसा है। परिजनों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए। जब तक लाइसेंस न बने, उन्हें वाहन न सौंपें।