डीआईटी विवि के छात्रों ने सीखे सफल उद्यमी बनने के गुर

उत्तराखण्ड
  • विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ रजत जयंति वर्ष उत्सव का प्रथम कार्यक्रम

देहरादून। डीआईटी विवि देहरादून के रजत जयंति वर्ष उत्सव के तहत विभिन्न विभागों के अधिकारियों से परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया जिसमें भारत सरकार के विभागों, शिक्षा जगत और उद्योग के प्रमुख वक्ताओं ने भाग लिया। यह सभी गणमान्य व्यक्तियों के लिए अगले 5-10 वर्षों के लिए देश की प्राथमिकताओं, मेक इन इंडिया पहल पर अपडेट और देश के अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र और उद्यमिता की वृद्धि पर चर्चा करने के लिए एक आदर्श मंच था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलाधिपति एन. रविशंकर ने की और कुलपति प्रो. जी. रघुराम और उप-कुलपति प्रो. प्रियदर्शन पात्रा, संकाय, कर्मचारी और छात्रों ने भाग लिया। उद्घाटन भाषण नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर द्वारा आजादी का अमृत काल 100 वर्ष शीर्षक पर था जिसमें उन्होंने मेक इन इंडिया, सस्टेनेब्लिटी, पर्यावरण संरक्षण और जी 20 एडवोकेसी जैसी सरकारी पहलों के बारे में बात की। स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो रंजीत मित्रा ने वास्तुकला डिजाइन और शैक्षिक चुनौतियों में उभरते रुझान पर विचार-विमर्श किया, जिसने निर्माण क्षेत्र और हरित भवन अवधारणाओं में संभावित अंतर्दृष्टि प्रदान की। लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. एस.पी. कोचर, महानिदेशक, सीओएआई दूरसंचार क्षेत्र, चुनौतियां और अवसर, में 4जी, 5जी दूरसंचार प्रौद्योगिकियों और रक्षा प्रौद्योगिकियों में आईटी और आरएंडडी क्षेत्र की भूमिका के बारे में बात की।
डॉ. सत्य गुप्ता, सीईओ, ईपीआईसी फाउंडेशन और अध्यक्ष, वीएलएसआई सोसाइटी फॉर इंडिया ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग राष्ट्र में भारत के परिवर्तन के बारे में बात की। सूर्या सॉफ्टवेयर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ, डी.एन. प्रह्लाद ने सफल उद्यमी बनने के टिप्स साझा किए और छात्रों को जीवन में आत्मनिर्भर बनने के लिए अपने करियर में कुछ खास करने के लिए प्रोत्साहित किया। क्वॉलिटी फोटोनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ विजय कुमार गुप्ता ने अपने व्याख्यान के माध्यम से वास्तुकला, मेडिसिन डिफेक्ट डिटेक्शन और वास्तु सौंदर्यशास्त्र के क्षेत्र में एलईडी के अग्रणी उपयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों से नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाले बनने का भी आग्रह किया और छात्रों को अपने संबंधित व्यवसायों में सफल उद्यमी बनने की सलाह दी। कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ तरुमय घोषाल द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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