देहरादून। भाजपा ने वनंत्रा प्रकरण में कांग्रेस को चुनौती दी है कि यदि कोई वीआईपी का नाम या कोई साक्ष्य उनके पास है तो बताएं अन्यथा राजनैतिक दुष्प्रचार न करें। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने राहुल गांधी के उत्तराखंड आने पर कटाक्ष किया कि कपाट खुले भी कई माह हो गए, लेकिन स्थानीय कांग्रेस नेताओं को उनके दर्शन नहीं होना उनकी नजर में देवभूमि के महत्व को दर्शाता है। वहीं चमोली हादसे पर राजनीति करने वाली कांग्रेस को अपने स्थानीय नेताओं की घटना के समय भीड़ जमाकर प्रशासन को बंधक बनाने के कृत्य को भी संज्ञान में रखना चाहिए ।
पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस की स्वाभिमान न्याय यात्रा को लेकर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए महेंद्र भट्ट ने कहा कि इस दुखद घटना में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी के निर्देशों पर कठोरतम कार्यवाही की गई और पूरा मामला न्यायालय में विचाराधीन हैं। इस संबंध में सभी न्यायिक प्रक्रिया को पीड़ित परिजनों की राय से ही आगे बढ़ाया जा रहा है और प्रदेश की जनता भी अब तक कार्यवाही से पूर्णतया संतुष्ट है । लेकिन मुद्दाविहीन कांग्रेस इस संवेदनशील मुद्दे पर गैर जिम्मेदाराना रुख अख्तियार करते हुए लगातार राजनीति कर रहीं है। जिस सीबीआई जांच की मांग कांग्रेस कर रही है उसको लेकर हाईकोर्ट भी एसआईटी जांच को सही मानते हुए पहले ही असहमति जता चुका है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, कांग्रेस नेता वीआईपी नाम को लेकर शुरुआत से भ्रम फैला रहे है, ऐसे में यदि उनके पास ऐसे किसी नाम की पुख्ता जानकारी है तो वे सार्वजनिक करे या जांच ऐजेंसियों को बताए। लेकिन सिर्फ राजनैतिक लाभ लेने और चर्चा में बने रहने के लिए मीडिया में की जा रही बयानबाजियों को कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता है।
श्री भट्ट ने स्वाभिमान यात्रा में राहुल गांधी के आने के सवाल पर व्यंग किया कि छह महीने से कांग्रेसी राहुल गांधी के आने की खबर उड़ा रहे हैं, अब तो श्री बद्री केदार के कपाट खुले भी 4 माह बीत गए है लेकिन उन्हें आने की फुर्सत नही मिली । यह सब स्पष्ट बताता है कि उनकी निगाह में देवभूमि के पावन धामों और कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कितना महत्व है। बरहाल वे जब भी आएं उनका हम सब देवभूमिवासियो की तरफ से श्री बद्री केदार धाम में स्वागत है, लेकिन राजनैतिक मंसूबों के साथ न आएं। उन्होंने चमोली हादसे को लेकर विपक्षी आरोपों का जवाब देते हुए कहा, सरकार की प्राथमिकता लोगों की जान बचाने और तेजी से राहत अभियान चलाने की रही जिसको लेकर तत्परता और संवेदनशीलता से किया गया । इस दुखद घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जा रही है जिसमें 3 गिरफ्तारियां भी की गई हैं । उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री जी ने भी संज्ञान लिया है लिहाजा किसी को बख्शा जाएगा। उन्होंने स्थानीय कांग्रेस नेताओं की भूमिका को लेकर सवाल खड़ा किया कि वे कौन लोग थे जिन्होंने प्लांट केयरटेकर की मौत पर वहां राजनैतिक बवाल किया और लाश को घटनास्थल से पंचनामा तक के लिए उठने नहीं दिया और इतनी बड़ी दर्दनाक घटना को न्यौता दिया। शायद प्रशासनिक कार्यवाही को तब बंधक नही बनाया जाता और डेड बॉडी को खुले स्थान में लाने दिया जाता तो इतने लोगों को अपनी जान से हाथ नहीं धोना पड़ता। लिहाजा इस कठिन समय और संवेदनशील मुद्दे पर किसी को भी राजनीति नहीं करनी चाहिए । उन्होंने पीड़ित को अधिक मदद दिलाने को लेकर स्पष्ट किया कि घटना से जुड़ी भारत सरकार के संस्थानों से बात की जा रही है और उनके माध्यम से राहत राशि या किसी अन्य तरीके से पूरी मदद की जाएगी।