देहरादून। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उपनल कर्मियों ने सचिवालय कूच किया। जहां पर उन्होंने धरना दिया। एक प्रतिनिधिमंडल ने सचिवालय में अधिकारियों से मिल अपना मांग पत्र सौंपा।
यहां पूरे प्रदेश के उपनल कर्मी परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए। जहां से उन्होंने सचिवालय के लिए कूच किया। जब वह कनक चैक से सचिवालय के लिए चले तो रास्ते में पुलिस ने बैरकेडिंग लगाकर उनको रोक दिया। जहां पर वह धरने पर बैठ गये। जिसके बाद जिला प्रशासन के साथ उपनल कर्मियों का दस सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल सचिवालय में अधिकारियों से वार्ता करने के लिए गया। जहां पर उन्होंने अपना मांग पत्र सौंपा। इस अवसर पर उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संयोजक विनोद गोदियाल ने कहा कि उपनल कर्मी विभिन्न विभागों में वर्षो से सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अब तक उनके सुरक्षित भविष्य के लिए कोई नीति नहीं है। ना तो कर्मचारियों को समय पर मानदेय मिलता है न सेवा विस्तार। उच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए सरकार को आदेश दिया था जिसके खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी। यहीं नही उपनल कर्मियों को लगातार नौकरी से हटाया जा रहा है। 22 दिसम्बर को उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने उपनल कर्मियों की लम्बित मांगों को लेकर शासन प्रशासन को मांग पत्र सौंपा था। जिसमें कहा गया था कि 15 जनवरी तक मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने मांग की है कि हाईकोर्ट के 2018 के आदेश को तत्काल लागू किया जाये। वर्ष 2021 में उपनल कर्मियों के आंदोलन के दौरान कैबिनेट मंत्रियों की उप समिति की रिपोर्ट लागू हो। 18 जुलाई 2023 को अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश को निरस्त किया जाये। जिसमें स्वीकृत पदो के सापेक्ष नियुक्त कर्मियों को वेतन देने का प्राविधान किया गया है। इसके साथ ही मृतक आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति दी जाये तथा प्रतिवर्ष 20 प्रतिशत वेतन वृद्धि दी जाए।