भीमताल/नैनीताल- हर आदमी के घर तक विकास की किरण पहुचाने के लिए जरूरी है कि हम सबसे पहले उसके गांव व उसके घर तक आवागमन के लिए सडक जैसी सुविधा पहुचायें। सडक पर्वतीय क्षेत्रों की जीवन रेखा है बिना सडको के विकास सम्भव नही है। यह विचार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिह कोश्यारी ने बुधवार को विकास भवन सभागार मे आयोजित जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की महत्वपूर्ण बैठक मे दिये। उन्होने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में विगत दिनो हुई ओलवृष्टि एवं बारिश से गेहू की फसल के साथ ही आम, लीची, पुलम, आडू व फसलो को नुकसान हुआ है उसका मुआवजा काश्तकारों को हर हाल में मिलना चाहिए। उन्होेने जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन को दिये कि वह ब्लाक प्रमुख के साथ राजस्व, कृषि के लोगो के साथ एक कमेटी गठित करते हुये विकास खण्ड वार क्षति का आंकलन करायें और मुआवजे का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भिजवाने की कार्यवाही करें। उन्होने कहा सभी को समन्वय स्थापित करते हुये विकास कार्यो को गति देनी होगी एवं विकास कार्यो की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुये समय पर कार्यपूर्ण किये जांए, साथ ही जनपद में अविद्युतीयकृत तोकों को विद्युतीकरण के साथ ही झूलते तारों को ठीक करें।
उन्होने कहा उज्जवला गैस योजना भारत सरकार की महत्वांकाक्षी योजना है। जिसका प्रमुख लक्ष्य अत्यन्त गरीब व निर्धन परिवारो को निशुल्क गैस कनैक्शन प्राप्त कराना है। इसलिए अधिकारी शिविर लगाकर पात्र गरीब निर्धन परिवारों को निशुल्क उज्जवला गैस कनैक्शन देना सुनिश्चित करें। इस योजना के कोई भी पात्र लोग वंचित नही रहने चाहिए। उन्होने कहा कि विकास खण्ड स्तर पर पात्र लोगो के चयन की भी कार्यवाही की जाए। श्री कोश्यारी ने कहा कि काठगोदाम गुलाबघाटी पर मार्ग वाधित हो जाता है। इससे कुमायू मण्डल का आवागमन प्रभावित होता है। वही पर्यटको को भी काफी दिक्कत होती है। इसलिए एनएचएआई के अधिकारी इस समस्या का स्थायी निदान खोजें।
श्री कोश्यारी ने कहा कृषि एवं उद्यान अधिकारी को निर्देश दिये कि किसानो को युद्ध स्तर पर आपदा में क्षतिग्रस्त फसलों की बीमा राशि उपलब्ध कराई जाए, यदि बीमा करने वाली इंश्योरैंस कम्पनी विलम्ब करे तो उसको ब्लैकलिस्टेड करने की कार्यवाही भी की जाए। श्री कोश्यारी ने अधिकारियों से कहा कि जिले का कोई भी आंगनबाडी केन्द्र तथा विद्यालय पेयजल एवं विद्युत, शौचालय आदि से वंचित नही रहना चाहिए। इनकी व्यवस्था युद्ध स्तर पर करायी जाए मुख्य विकास अधिकारी इन व्यवस्थाओ का व्यक्गित तौर पर मुल्यांकन करें। श्री कोश्यारी ने दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना की समीक्षा में बिजली महकमे के अधिकारियों से कहा कि वर्ष 2019 तक प्रत्येक घर में विद्युत पहुचनी है, लिहाजा योजना के अन्तर्गत सभी पात्र लोगो को विद्युत कनैक्शन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होने प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत पात्र लोगों को तत्परता से लाभ दिये जाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि गरीब लोगो को आवास दिये जाने की भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। इसलिए आवासहीन एवं भूमिहीन लोगो के अलावा किराये के रूप मे रह रहे गरीब लाभार्थियों को भी इस योजना से लाभान्वित किया जाए। उन्होने केन्द्रपोषित योजनाओं मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना, दीनदयाल अन्तोदय, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, राष्ट्रीय सहायता कार्यक्रम, आईडब्लूएमपी, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना, एनआरएलएम, प्रधानमंत्री कृषि योजना डिजिटल भारत योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मिड डे मील,प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना व समाज कल्याण द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की समीक्षा की।
श्री कोश्यारी ने कहा कि केन्द्र पोषित योजना कार्यों की सूचना जनप्रतिनिधियों को अवश्य दें, तथा उनके सुझाव लेते हुए निरीक्षण आदि करवायें। उन्होने कहा कि योजनाओ के अन्तर्गत स्थायी कार्य किये जाये। कार्यो में गुणवत्ता व समयबद्धता पर अधिकारी अवश्य ध्यान देें। उन्होनें कहा कि अधिकारी क्षेत्रों में जाकर कार्यों का औचक निरीक्षण करें, ताकि कार्यों में वांछित प्रगति लायी जा सके। उन्होने कहा कि सडक की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि सडकें अधिक समय तक चले। अधिकारी योजनाओ के अन्तर्गत ऐसे कार्य चयनित करें जो एक वर्ष के अन्दर पूर्ण हांें जो धरातल पर दिखायी दें व जनता को त्वरित लाभ मिल सके। उन्होने मेरा गांव मेरी सडक योजना के अन्तर्गत कार्यो मे तेजी लाकर गांवो को मुख्यमार्गो से जोडने को कहा।
बैठक में अध्यक्ष जिला पंचायत सुमित्रा प्रसाद, विधायक दीवान सिह बिष्ट,संजीव आर्य, रामसिह कैडा, ब्लाक प्रमुख गीता विष्ट, पुष्पा नेगी, अजंू नयाल, के अलावा जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन, मुख्य विकास अधिकारी प्रकाश चन्द्र, डीएफओ नेहा वर्मा, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, परियोजना निदेशक बालकृष्ण के अलावा ध्रुव रौतेला, डा0 वारसी, शंकर कोरंगा सहित बडी संख्या में विभागीय अधिकारी मौजूद थे।