नैनीताल /देहरादून। बीते दिनों से प्रदेशभर में जंगलों में विकराल आग के प्रभाव को संज्ञान में लेते हुये सूबे के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर जिलों में वनाग्नि रोकथाम के लिये किये जा रहे उपायों एवं वनाग्नि से हुये नुक्सान की जानकारी जिलाधिकारियों, वन महकमे के अधिकारियों से ली।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि गर्मी के मौसम में वनों में आग लगना स्वाभाविक है लेकिन इसपर जनसहयोग एवं अधिकारियों की तत्परता से नियंत्रण किया जा सकता है, ताकि वन संपदा एवं वन्यजीवों के नुक्सान को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि वन प्रदेश की संपदा है तथा वन हमारे प्रदेश के आर्थिक विकास में भी सहयोगी हैं। ऐसे में हमारा दायित्व है कि हम गर्मी के सीजन में होने वाली वनाग्नि को तत्परता से रोकें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वनों की आग को रोकने के लिये प्रभावी रोकथाम किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सैटेलाईट, दूरभाष, वायरलेस तथा मीडिया के माध्यम से वनाग्नि की प्राप्त सूचनाओं पर संबंधित वनाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में तत्काल टीमें भेजते हुये न्यूनतम समय में वनाग्नि नियंत्रण करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी को निर्देश दिये कि वह अपने अधीनस्थ अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में नियमित पैट्रोलिंग करायें। वनाग्नि रोकने हेतु राजस्व विभाग तथा वन पंचायतों का भी पूर्ण सहयोग हासिल किया जाय। वन महकमे को चाहिये कि वनाग्नि की रोकथाम हेतु स्थानीय स्तर पर प्रचार सामाग्री का वितरण करें। वनों की सुरक्षा के लिये क्या करना है और क्या नहीं करना है जैसे संदेशों को मीडिया तथा सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित प्रसारित भी किया जाय।
मुख्य मंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने स्तर से वनाग्नि का व्यक्तिगत तौर पर मूल्यांकन व अध्ययन करते हुये इस आपदा केे रोकथाम हेतु कारगर उपायो के लिये वन महकमे के अधिकारियों को वांछित सहयोग यथा उपकरण, वाहन, संसाधन उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिये अग्निशमन विभाग, जलसंस्थान, जलनिगम, पुलिस, ग्राम्य विकास, राजस्व विभाग को भी सहयोग करने के लिये आगे आना चाहिये। प्रत्येक वनाग्नि की घटना का विशलेषण तथा जांच करते हुये घटना के कारणों की पहचान की जाय ताकि प्रभावी रोकथाम की जा सके।
वीडियो कान्फ्रेसिंग में मुख्य वन संरक्षक बीपी गुप्ता, अपर जिलाधिकारी बीएल फिरमाल, प्रभागीय वनाधिकारी टीआर बीजूलाल, अपर पुलिस अधीक्षक हरीश चन्द्र सती, अधिशासी अभियंता सीएस नेगी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार, अधिशासी अभियंता विद्युत एसएस उस्मान, उप प्रभागीय वनाधिकारी दिनकर तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।