देहरादून- विकासभवन सभागार में डेंगू बुखार से बचाव एवं रोकथाम हेतु अन्तर्विभागीय बैठक आयोजित की गयी। बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि मानसूनी सीजन में जलभराव के कारण डेंगू मलेरिया, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफलाइटिस जैसे वैक्टर जनित रोगों का खतरा बढ जाता है तथा लोंगों में जलभराव को हटाने और रोग की दशा में सही जानकारी के अभाव के कारण समस्या पैनिक बन जाती है। बैठक में अवगत कराया गया कि डेंगू का मच्छर स्वच्छ पानी में अण्डे देता है व दिन में काटता है, इसकी रोकथाम हेतु जरूरी है कि कहीं पर भी जलभराव न होने दिया जाय। सभी लोग अपने आवास, कार्यालय और सार्वजनिक स्थानों पर गमलों, कूलर, फवारों, नारियल के टुकड़ो, पुराने टायरों व नमी युक्त स्थान जहां पानी का जमाव होता है मच्छरों के लार्वा पनपने के लिए जिम्मेदार होते हैं उनको हटाये। ऐसे में सभी विभागों को अपने स्तर पर लोगों को जागरूक करने से लेकर स्वयं भी क्षेत्रों में निरीक्षण के माध्यम से ठहरे हुए पानी को हटाने का कार्य करना होगा।
मुख्य विकास अधिकारी ने विभिन्न विभागीय अधिकारियों को अपने-अपने स्तर पर डेंगू मच्छरों के रोकथाम के प्रयास करने के निर्देश दिये। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को अपने अधीनस्थ कार्मिकों के माध्यम से सभी क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों को डेंगू मच्छरों की रोकथाम तथा बिमार होने की दशा में बरती जाने वाली सावधानियों और बेहतर उपचार हेतु आवश्यक जानकारी देने, शिक्षा विभाग को स्कूली बच्चों को प्रार्थना सभा में उनके घरों में रूके पानी को हटाने व फूल्ल बाजू के कपड़े पहनने का संदेश देने , लोक निर्माण विभाग को निर्माण कार्य के दौरान ठहरे हुए पानी को हटाने तथा मजदूरों को जागरूक करने, ग्राम्य व पंचायतीराज विभाग को ग्राम सभा में और ग्राम पंचायतों की बैठक में लोगों को जागरूक करने, परिवहन विभाग को ब्रोशर व पम्पलेट के माध्यम से बसों व स्टेशनों पर संदेश चस्पा करने तथा मत्स्य विभाग को ‘‘ गम्बूजिया मछली’’ के पालन (जो मच्छरों का लार्वा खाती हैं) हेतु मत्स्य योजना के तहत प्रेरित करने क निर्देश दिये। नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदंडे ने कहा कि नगर निगम इस वर्ष माह अप्रेल से बीच-बीच में विभिन्न क्षेत्रों में फाॅगिंग करता आया है, वर्तमान समय में भी लगातार फागिंग की जा रही है और लोगों को पानी हटाने के लिए जागरूक भी किया रहा है। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी विभाग रूके हुए जल को हटाने की पहले अपने घर से, फिर कार्यालय और फिर सार्वजनिक स्थानों पर हटाने की शुरूआत करें और लोगों को इतना जागरूक करें कि घरों में तथा कहीं पर ही रूके हुए पानी को हटाने में लोग स्वयं प्रतिभाग करें, और नगर निगम ने भी इस बार नगर को डेंगू मुक्त बनाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने वीडियो-आडियो और आधुनिक सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को संदेश भेजकर जागरूक करने के निर्देश दिये।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ एस.के गुप्ता ने अवगत कराया कि डेंगू जैसे रोग को लेकर लोगों में अनावश्यक भय भर जाता है और इस स्थिति में वह अनावश्यक दवाईयों और टैस्ट करवाने चिकित्सकों की ओर भागता है, इसी कारण लोगों तक डेंगू फैलने, उसकी रोकथाम और रोग हो जाने पर की स्थिति में क्या कदम उठाये जाने चाहिए इसकी जानकारी देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सामन्यतः डेंगू बुखार की शंका होने पर पैरासिटमोल का इस्तेमाल करें थोड़ा अधिक बुखार होने तो चिकित्सक की सलाह में पैरासिटमोल लें, यदि फिर भी बुखार व दर्द बना रहता है तो प्लेटलेटस का टैस्ट करवायें और 50 हजार से उपर तक यदि प्लेटलेटस हो तो भी प्लेटलेट्स ट्रांस्मिशन की आवश्यकता नही होती।। उसके पश्चात भी यदि बुखार बना रहे तो अलाइजर टैस्ट (डेंगू टैस्ट) करवा लें तथा चिकित्सक की निगरानी में चिकित्सा करवायें।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक हेमलता भट्ट, जिला कार्यक्रम अधिकारी क्षमा बहुगुणा, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम डाॅ आर.के सिंह, डाॅ एस.बी पाण्डेय, डाॅ पियुष सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे।