“ब्राह्मण”-मानसिक, सामाजिक, सांस्कृतिक,सैद्धांतिक गुणों से सम्पन्न एक सहनशील मानव है: पं.रामेश्वर दत्त शर्मा

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देहरादून– “ब्राह्मण”जब तक अपनी विशिष्ठ पहचान स्थापित नहीं रखेगा, तब तक समाज में उसका सम्मान नहीं है। ब्राह्मण एक विचार व संस्कृति है। जो ब्राह्मण धर्म से विमुख हो गया, वही ब्राह्मण सम्मेलन में आने से हिचकता है। ब्राह्मण गरीब नहीं वरन् दयालु है। वो समाज में आज भी अपने श्रेष्ठ कर्माें के कारण पूजनीय है। उक्त विचार आज ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद (रजि-) के नवम् वार्षिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महंत दिगम्बर भरतगिरी जी महाराज ‘‘टपकेश्वर महादेव’’ ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि हमें अपने पुत्र-पुत्रियों की शादी स्वजाति में ही करनी चाहिये। उनके संस्काराें पर ध्यान देना चाहिये। मुख्य वक्ता के रूप में सार्वदेशिक ब्राह्मण प्रतिनिधि महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं- रामेश्वर दत्त शर्मा जी ने कहा कि ब्राह्मण मानसिक, सैद्धांतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक गुणों से सम्पन्न सहनशील मानव होता है। सरकाराें व दलिताें ने ब्राह्मण को विपन्न बना दिया। पूर्व ले- जनरल ओ-पी-कौशिक ने कहा कि ब्राह्मण जातियाें को आगे करकर अन्य जातियाँ प्रगति कर गई। चट्टान अकेली लेकिन मजबूत होती है-लेकिन फिर भी पहाड़ नहीं बन पाती। ठीक यही स्थिति ब्राह्मण की है। सेक्यूलर का आइडिया ब्राह्मण ने दिया जिसका खामियाजा व खुद भुगत रहा है।
अ-भा-ब्राह्मण एकता परिषद के संयोजक पं- जुगल किशोर तिवारी ने अपने ओजस्वी भाषण में कहा कि पदवी कभी भी हिंसा के बल पर प्राप्त नहीं की जा सकती इसके लिए चिरंजीवी अवतार भगवान परशुराम जी को क्षत्रिय विरोधी नहीं कहा जा सकता। ब्राह्मण से बड़ा कोई राष्ट्रवादी नहीं हो सकता। विधायक गणेश जोशी ने कहा कि हमें अपने समाज के हित के लिए तत्पर रहना होगा। समाजसेवी व महानगर अध्यक्ष ‘कांग्रेस’ लालचन्द शर्मा, मैनेजर पाण्डेय (पूर्व महानिरीक्षक पुलिस), अश्वनी मुद्गल, उमेश चन्द कबडवाल (पूर्व अपर सचिव), श्याम सुंदर गोयल, आदेश शुक्ला, एस-पी-पाठक आदि ने सम्बोधित किया।
कार्यक्रम की शुरूआत दीपार्चन से हुई तथा श्रीमती उपमा शुक्ला द्वारा स्थापित ‘‘कथ्थक कुटुम्ब’’ की पारंगत नृत्यांगनाओं द्वारा सरस्वती वंदना, शिवस्तुति व नृत्य भाग में सरगम व अभिनय की प्रस्तुति दी गई। अध्यक्षीय भाषण सिद्धनाथ उपाध्याय व महासचिव देवेन्द्रनाथ शुक्ला द्वारा सचिव प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
सम्मेलन में ओ-पी-कौशिक, मैनेजर पाण्डेय, सुभाष मिश्रा, श्यामबाबू पाण्डेय, डा- राजेश तिवारी, रमाशंकर शुक्ला, डी-एन-शुक्ला, सी-पी-शर्मा, पं- रामेश्वर दत्त शर्मा आदि को शॉल व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
सम्मेलन में 10 मेधावी छात्र-छात्रओं को 5100-5100 की नगद धनराशि की छात्रवृत्ति प्रदत की गई। तथा चार बालक-बालिकाआें को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अरूण कुमार पाण्डे, डी-पी-पाण्डेय, डॉ-वी-डी-शर्मा, राकेश पंडित, रमाशंकर शुक्ला, डॉ-एम-एन-बडोनी, सुरेन्द्र दत्त शर्मा, रजत शर्मा, शैलेन्द्र पोखरियाल आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। संचालन देवेन्द्रनाथ शुक्ला (महासचिव) ने किया।

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