विष्णु चतुर्वेदी/रामबाबू सोनी द्वारा
लखनऊ/उरई (उत्तर प्रदेश)-बुंदेली माटी के अनमोल रत्न राम कथा मर्मज्ञ श्री राम कथा के सरस प्रवक्ता पूज्य स्वामी राजेश्वरानंद सरस्वती (राजेश रामायणी) का छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 10 जनवरी को हृदय गति रुक जाने की गोलोक धाम गमन हो गया है। अंतिम प्रवचन विवेकानंद आश्रम रायपुर में भरत चरित्र के दौरान जीवन और मृत्यु पर केंद्रित रहा,मानो उन्हे आहट मिल गई हो।
परम पूज्य स्वामी जी का जन्म 22 सितंबर 1955 को ग्राम-पचोखरा जनपद जालौन में हुआ था। स्नात्तक की उपाधि धारण करने के बाद गुरु अविनाशी राम दीक्षा लेकर वर्ष 1975 में राम कथा गाने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह अनवरत चलता रहा। परम पूज्य स्वामी जी कक्षा 5 के छात्र थे तभी रामचरितमानस को कंठस्थ याद कर लिया था और अपने मधुर स्वर में गायन करते थे।बुंदेली माटी और बुंदेली भाषा से असीम प्रेम रखने के कारण अमरशान्ति आश्रम, की स्थापना ग्राम-पचोखरा जनपद जालौन में की थी।
पूज्य महाराज श्री का अंतिम संस्कार 11 जनवरी दिन शुक्रवार को किया जाएगा।
.समय – दोपहर 1:00 बजे
स्थान- स्वामी राजेश्वरानन्द सरस्वती
अमरशान्ति आश्रम, ग्राम-पचोखरा,
जालौन उ.प्र. मे सम्पन्न होगा।
बुन्देलखण्ड सांस्कृतिक एवं सहयोग परिषद,लखनऊ ने दी श्रद्धांजलि श्री राम कथा के अनूठे प्रवक्ता पूज्य स्वामी राजेश्वरानंद सरस्वती (राजेश रामायणी) के चरणों में शत शत- नमन करते हुए बुन्देलखण्ड सांस्कृतिक एवं सामाजिक सहयोग परिषद लखनऊ के अध्यक्ष महेन्द्र कुमार तिवारी ने अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की है।