निर्माण कार्यों में लगे मजदूर, रेहड़ी-पटरी और खोमचे वाले और रिक्शा चलाने वाले श्रमिकों का एक बड़ा वर्ग है जो रोज कमाता है और रोज परिवार का पेट भरता है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन (बंद) के बाद ऐसे लाखों दिहाड़ी मजदूरों के समक्ष रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में कुछ स्थानीय लोग सामने आकर उन मजदूरों की मदद कर रहे हैं। इन्हीं में एक हैं मुंबई का मुस्लिम परिवार, जो कि जरूरतमंदों को खाना उपलब्ध करा रहा है।