डेंगू से दस साल की बच्ची की मौत

उत्तराखण्ड

रुड़की। लगातार कहर बरपा रहे डेंगू ने एक दस साल की बालिका की जान ले ली। बालिका की मेरठ के अस्पताल में मौत हो गई। रुड़की शहर के पास मेहवड़ गांव निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन उसकी दस साल की पोती को पेट में दर्द हुआ था, जिस पर उसे रुड़की के एक अस्पताल में दिखाया गया। वह दवा लेकर वापस आ गया। इसके बावजूद बालिका के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद उसे रुड़की के एक अस्पताल में फिर से दिखाया गया। यहां पर चिकित्सकों ने बताया कि उसकी प्लेटलेट्स कम हो गई है, जिसके बाद उसको ड्रिप चढ़ाई गई। बालिका ठीक होने लगी थी, लेकिन उसका बीपी कम होने लगी और पल्स भी गायब हो गई।
चिकित्सक ने हाथ खड़े कर दिए तो उसे मेरठ लेकर गए। यहां एक अस्पताल में बेड नहीं मिला। दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन तीन सितंबर की सुबह उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि रुड़की और मेरठ में जो टेस्ट हुए थे, उनमें डेंगू की रिपोर्ट पाजिटिव आई थी।
शहर की विभिन्न कालोनियों में अब डेंगू तेजी से फैल रहा है। बीते शनिवार को रुड़की शहर की विभिन्न कालोनियों में 12 डेंगू के मामले मिले हैं। वहीं, डेंगू की रोकथाम को लेकर नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। शहर के अधिकांश हिस्सों में अभी तक भी फागिंग तक नहीं हो सकी है।स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीते दिन विभिन्न इलाकों के डेंगू के मामले की रिपोर्ट दी है, जिसमें रुड़की नगर निगम क्षेत्र से मिले आंकड़े बेहद ही चौंकाने वाले हैं।आइआरआइ कालोनी, मालवीय चौक, सिविल अस्पताल रुड़की, श्यामनगर, सुनहरा, भारत नगर, दुर्गा कालोनी आदि इलाकों में डेंगू के 12 मामले सामने आए हैं। इसी तरह से नगर पालिका मंगलौर में भी दो मामले मिले हैं। हालांकि यह सरकारी आंकड़े हैं। निजी अस्पतालों एवं लैब की बात की जाए तो डेंगू के मामलों की संख्या काफी अधिक है। 22 मामले निजी लैब एवं अस्पताल में आए हैं। वहीं नगर निगम दावे तो पूरे शहर में फागिंग के कर रहा है, लेकिन हकीकत में अधिकांश स्थानों पर कीटनाशक एवं फागिंग का छिड़काव नहीं किया गया है। इसी तरह से साफ-सफाई पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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