देहरादून। वैश्विक वित्तीय बाजार में जाना माना नाम और सोरिन इन्वैस्टमेंट फंड के संस्थापक व चेयरमैन संजय नय्यर ऐसोसिएटिड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (ऐसोचैम) के अध्यक्ष नियुक्त हुए हैं। नय्यर को अंतर्राष्ट्रीय वित्त में व्यापक अनुभव है और वह अजय सिंह की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। नय्यर को वैश्विक वित्तीय एवं पूंजी बाजारों का चार दशकों का अनुभव है, जिनमें से उनके 25 साल सिटीग्रुप में तथा तकरीबन 14 वर्ष केकेआर में बीते, यहां से वह बीते साल रिटायर हुए हैं। उन्होंने सिटीग्रुप छोड़ने के बाद 2009 में केकेआर के भारतीय परिचालन को स्थापित किया। केकेआर में संजय ने लगभग 14 अरब यूएस डॉलर के निवेशों की अगुआई कीय ये निवेश प्राइवेट इक्विटी, रियल ऐस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर और प्राइवेट इक्विटी के साथ क्रेडिट में हुआ जो 10 अरब यूएस डॉलर के मूल्यांकन के साथ सबसे बड़ा था।
संजय ने 25 वर्षों तक सिटीग्रुप के लिए भारत, यूके व यूएसए में वरिष्ठ नेतृत्व के पदों पर काम किया है। वह सिटीग्रुप के भारतीय एवं दक्षिण एशियाई परिचालनों के सीईओ रहे तथा सिटीग्रुप की वैश्विक प्रबंधन समिति व एशिया कार्यकारी परिचालन समिति के सदस्य भी रहे।
वह नए जमाने की ई-कॉमर्स कंपनी नायका के गैर-कार्यकारी निदेशक भी हैं जिसे उन्होंने अपनी पत्नी फाल्गुनी नय्यर के साथ मिलकर स्थापित किया है। संजय हाल ही में भारत सरकार के व्यापार मंडल के गैर-आधिकारिक सदस्य भी नियुक्त हुए हैं जो निजी क्षेत्र की नुमाइंदगी करता है तथा वह नेशनल स्टार्टअप ऐडवाइजरी काउंसिल के सदस्य भी हैं। वह यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के बोर्ड सदस्य हैं, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के गवर्निंग बोर्ड सदस्य, हैबिटेट फॉर ह्यूमेनिटी के ऐडवाइजरी बोर्ड के सदस्य, ग्रामीण इम्पैक्ट इन्वैस्टमेंट्स इंडिया (जीआईआईआई) के चेयरमैन तथा सेंटर फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक प्रोग्रेस (सीएसईपी) के संस्थापक एवं बोर्ड सदस्य भी हैं।
संजय नय्यर ने कहा, ’’ऐसोचैम का अध्यक्ष चुना जाना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है, इस शीर्ष संस्थान का राष्ट्र सेवा का 100 से ज्यादा वर्षों का इतिहास है। अपने कार्यकाल की अवधि में मैं अपने ऐसोचैम के साथियों के साथ मिलकर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि देश की प्रति व्यक्ति आय में कई-गुना वृद्धि संभव कर के भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जा सके तथा साहसिक आर्थिक वृद्धि को जारी रखा जाए। देश के सतत लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु उद्योग द्वारा किए जाने वाले प्रयासों को मेरा समर्थन रहेगा।’’