गौचर / चमोली। पालिका क्षेत्र के सात गांवों की आराध्य देवी कालिंका को मायका प्रवास के लिए तीन दिनों के लिए पनाई सेरा स्थित देवी मंदिर में लाया गया है। तीन दिवसीय प्रवास के दौरान देवी मां यहां मंदिर में विराजमान रहते हुऐ अपने भक्तों एवं धियांड़ियों को दर्शन आशीर्वाद देगी। वहीं वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा देवी पाठ व हवन यज्ञ के साथ विधि-विधान से पूजा अर्चना की जायेगी। मायका आने पर देवी मां के जयकारे के साथ पनाई सेरा स्थित देवी मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया। इस अवसर पर क्षेत्र वासियों ने अपनी आराध्य धियाण का पुष्प अक्षत से गर्मजोशी से स्वागत किया।
क्षेत्र के सात गांवों की आराध्य देवी कालिंका का मूल मंदिर अलकनंदा नदी तट पर भटनगर गांव की सीमा पर स्थित है। भटनगर गांव देवी ससुराल पक्ष तथा बंदरखंड पनाई तल्ली मल्ली, रावल नगर तल्ला मल्ला,शैल आदि गांव देवी के मायके पक्ष के माने जाते हैं।
पूर्व से चली आ रही परंपरा के अनुसार मायके पक्ष के लोग नंदा अष्टमी के पर्व पर अपनी आराध्य धियाण को पूजा अर्चना के लिए मायके मंदिर में लाकर समूण श्रृंगार सामग्री अर्पित कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना करते हैं। इसी परंपरा का निर्वहन करते रविवार को मायके पक्ष के लोग गाजे बाजे के साथ देवी के भाई माने जाने वाले रावल नगर के रावल का कटार के देवी के मूल मंदिर पहुंचे जहां पहले से मायके जाने के लिए देवी का श्रृंगार कर तैयार किया गया था। राव के कटार पहुंचते ही देवी पुजारी राधावल्लभ थपलियाल पर अवतरित होकर खिलखिला उठी। देखते ही देखते सभी देवी देवता अपने पाश्वाओं पर अवतरित होने लगे तो वातावरण भक्तिमय हो गया।