नैनीताल/देहरादून। राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण का मामला फिर हाई कोर्ट पहुंच गया है, अधिवक्ता रमन शाह ने हाई कोर्ट के पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। मामले पर सुनवाई अगले हफ्ते होने की उम्मीद है। याचिका में राज्य आंदोलनकारियों को पीड़ित बताते हए राहत और पुनर्वास नीति का हकदार बताया गया है।
यहां बता दें कि राज्य आंदोलनकारियों को दस फीसद क्षेतिज आरक्षण के मामले में खंडपीठ के दो जजों द्वारा अलग अलग राय दी गई। जिसके बाद मामला मुख्य न्यायाधीश द्वारा तीसरी बेंच को रेफर कर दिया। तीसरी बैंच ने आरक्षण को असंवैधानिक घोषित करने के पक्ष में राय दी तो आरक्षण का फ़ैसला असंवैधानिक हो गया। हाइकेार्ट ने माना था कि राज्य आन्दोलनकारी संविधान के अनुच्छेद 14 से 16 में आरक्षण प्राप्त करने के अधिकारी नहीं हैं और इस आधार पर उन्हें आरक्षण दिया जाना असंवैधानिक होगा। अब देखना यह है कि पुनर्विचार के उपरान्त हाईकोर्ट अपने फैसले में परिवर्तन करता है या नहीं।