देहरादून। जहां चाह-वहां राह, इस कहावत को उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून की एक शख्सियत पूरी शिद्दत से चरितार्थ करने में जुटी है। सूचना-अधिकार, मानवाधिकार आयोग से लेकर जिलाधिकारी के जनता दरबार तक में आम जन की समस्याओं को दूर करने के सतत प्रयास में जुटे रहने वाली विभूति हैं 47 वर्षीय भूपेन्द्र कुमार, जिन्होंने स्वयं को पूरी तरह आम जनों के हक में आवाज बुलन्द करने को समर्पित कर दिया है।
-समाचार पत्रों की खबरों से खोजते हैं नित नये मुद्दे
शासन से लेकर प्रशासन तक के आला-अधिकारीगणों से समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेकर प्रभावी कार्यवाही करने की आशा की जाती है। इस हेतु सूबे की मुखिया से लेकर जिलाधिकारी, एस0एस0पी0 तक को अखबारों की प्रमुख खबरों से अवगत कराने के लिये सूचना विभाग लेकर एल0आई0यू0 का सिस्टम मुस्तैद है परन्तु इनकी भी रूचि केवल प्रशंसा वाली खबरों की कटिंग काटने तक सीमित है, जबकि भूपेन्द्र कुमार अखबारों के छोटे से कोने में मुद्रित उस खबर से नया मुद्दा खोज लेते हैं जिस पर आम तौर पर पाठकों की नजर भी नहीं जाती है।
-सरकारी प्लेटफार्मों का करते हैं भरपूर उपयोग
अस्पतालों में हर व्यवस्था चाक चैबन्द मिले, सड़कों पर कोई गड्ढे न हों वगैरह-वगैरह जैसी ख्वाहिशें तो हजारों लोग रखते हैं परन्तु खुद कोई प्रयास नहीं करना चाहते हैं देहरादून निवासी भूपेन्द्र कुमार धरना-प्रदर्शन जैसी किसी गतिविधि के बजाय विभिन्न सरकारी प्लेटफार्मों का भरपूर उपयोग करते हैं। इस हेतु वह सूचना अधिकार कानून से लेकर मानवाधिकार आयोग के माध्यम से अनेक महकमों को जनसरोकारों के प्रति उत्तरदायित्व निभाने को मजबूर कर चुके हैं।
-केदारनाथ आपदा में हुए घोटाले का कर चुके हैं पर्दाफाश
वर्ष 2013 में केदारनाथ में हुई भीषण त्रासदी के बाद राहत में हुए घोटाले का पर्दाफाश भूपेन्द्र कुमार के द्वारा किया जा चुका है। सूचना-अधिकार के माध्यम से चार सौ रूपया लीटर दूध से लेकर स्कूटर के नम्बरों पर सौ-सौ लीटर डीजल भरवाये जाने के मामले उजागर हुए थे, जिसका राष्ट्रीय स्तर के मीडिया से लेकर स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देहरादून में अपने अभिभाषण में संज्ञान लिया था।
-एशिया पोस्ट सर्वे में दी गई है ‘‘गरीबों के मित्र’’ की उपाधि
फेम इण्डिया द्वारा वर्ष 2017 के संदर्भ में कराये गये एशिया पोस्ट सर्वे में भूपेन्द्र कुमार को उत्तराखण्ड में ‘‘गरीबों के मित्र’’ की उपाधि से नवाजा गया है जो बिल्कुल सटीक साबित होती है। सूर्य जागरण प्रकाशन श्री भूपेन्द्र कुमार की इस बेमिसाल जनसेवा को सलाम करता है।